चीन में कोविड-19 की नेजल स्प्रे वैक्सीन का ट्रायल इस महीने हो जाएगा शुरू, खतरनाक बीमारियों से मिलेगा निजात
बीजिंग स्थित वानताई बायोलॉजिकल फार्मेसी की योजना है कि चीन में नेजल स्प्रे कोरोना वायरस वैक्सीन का इस महीने में एक मध्य-चरण क्लीनिकल ट्रायल शुरू किया जाए। यह क्लीनिकल ट्रायल रजिस्ट्री डेटा में सामने आया। बीजिंग स्थित एक प्रतिरक्षा विज्ञानी ने बताया था कि ये स्प्रे मैच्योर इन्फ्लूएंजा वैक्सीन प्रोडक्शन टेक्नोलॉजी को अपनाता है और इंजेक्शन की तुलना में, नाक स्प्रे का टीकाकरण करना आसान होगा। इसका बड़े पैमाने पर उत्पादन करने और वितरित करने में भी आसानी होगी। बताया गया कि यह टीका परिपक्व इन्फ्लूएंजा टीका उत्पादन तकनीक पर आधारित है।
पूर्वी प्रांत जिआंगसु में एक शहर-स्तरीय रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र द्वारा चलाए जा रहे 720 प्रतिभागियों से जुड़े चरण 2 पर अध्ययन नवंबर 17 से शुरू किया जाएगा। परीक्षण दो या तीन-सप्ताह के अंतराल पर दिए गए टीके के परिणाम को देखेगा और सुरक्षा और क्षमता का टेस्ट करेगा जिससे प्रतिरक्षा के बारे में पता लग सके। चरण 2 का अध्ययन यह भी मूल्यांकन करेगा कि स्वस्थ लोगों में एक विशिष्ट प्रकार के फ्लू वायरस के खिलाफ पहले से मौजूद एंटीबॉडी, टीका को कैसे प्रभावित करती हैं।
चीन ने पिछले महीनों कोरोना वायरस से बचाव के लिए अपने पहले नेजल स्प्रे टीके के परीक्षण की मंजूरी दी थी। सरकारी ग्लोबल टाइम्स के अनुसार, यह नेजल स्प्रे एक प्रकार का टीका है, जिसे चीन के राष्ट्रीय चिकित्सा उत्पाद प्रशासन ने मंजूरी दी है। यह टीका हांगकांग और मुख्य चीन के बीच एक सामूहिक मिशन के तहत विकसित किया जा रहा है, जिसमें यूनिवर्सिटी ऑफ हांगकांग, शियामेन यूनिवर्सिटी तथा बीजिंग वंताई बायलॉजिकल फार्मेसी के शोधकर्ता भी शामिल हैं।
हांगकांग विश्वविद्यालय के माइक्रोबायोलॉजिस्ट, यूएन क्वाक-युंग ने कहा ये टीका इम्यून सिस्टम को सक्रिय करने के लिए श्वसन प्रणाली में आने वाले वायरस के प्राकृतिक संक्रमण मार्ग को उत्प्रेरित करता है। हांगकांग विश्वविद्यालय के माइक्रोबायोलॉजिस्ट, यूएन क्वाक-युंग ने कहा था ये टीका इम्यून सिस्टम को सक्रिय करने के लिए श्वसन प्रणाली में आने वाले वायरस के प्राकृतिक संक्रमण मार्ग को उत्प्रेरित करता है।
इम्यूनोलॉजिस्ट ने बताया था कि नए टीके के सिस्टेमिक साइड इफेक्ट नहीं हो सकते, लेकिन श्वसन प्रणाली में साइड इफेक्ट हो सकते हैं, जैसे अस्थमा और सांस की तकलीफ। बताया गया है कि नेजल स्प्रे के माध्यम से H1N1, H3N2 और B सहित इन्फ्लूएंजा वायरस पर भी नकेल कसी जा सकती है।