इम्तियाज अली ने ‘जब वी मेट 2’ पर तोड़ी चुप्पी, बताई सीक्वल ना बनने की असली वजह
नई दिल्ली. मशहूर फिल्ममेकर इम्तियाज अली इन दिनों अपनी फिल्म ‘अमर सिंह चमकीला’ को लेकर सुर्खियों में हैं. इस मूवी में दिलजीत दोसांझ और परिणीति चोपड़ा ने लीड रोल निभाया है. पिछले साल अफवाहें उड़ीं कि इम्तियाज अली अपनी फिल्म ‘जब वी मेट’ (2007) का सीक्वल बनाने का प्लान कर रहे हैं. वहीं, शाहिद कपूर ने भी कुछ समय पहले मूवी को लेकर हिंट दिया है. अब इस मामले में डायरेक्टर इम्तियाज अली ने अपनी चुप्पी तोड़ी है और बताया कि वह सीक्वल क्यों नहीं बन पा रहा है. इसके साथ ही उन्होंने खुलासा किया कि ‘जब वी मेट’ के बाद दोबारा करीना कपूर के साथ काम क्यों नहीं किया.
News18 Showsha के साथ इंटरव्यू के दौरान इम्तियाज अली ने कहा, ‘जब वी मेट का सीक्वल क्यों बनना चाहिए? अगर लोग फिल्म को एंजॉय करना चाहते हैं, तो वह पहली वाली देख सकते हैं. जब वी मेट 2 बनाने के लिए स्टोरी और वजह दोनों होनी चाहिए. लेकिन देखते हैं कि क्या होता है. कभी भी कुछ भी हो सकता है.’
क्या इस वजह से नहीं बना रहे सीक्वल?
साल 2020 में इम्तियाज अली ने कार्तिक आर्यन और सारा अली खान को लेकर ‘लव आज कल’ बनाई थी, जो सैफ अली खान और दीपिका पादुकोण की फिल्म का सीक्वल था. बॉक्स ऑफिस पर फिल्म फ्लॉप हुई थी. उनसे पूछा गया कि क्या यही वजह है कि वह ‘जब वी मेट 2’ बनाने से परहेज कर रहे हैं. जवाब में इम्तियाज अली ने हसंते हुए कहा, ‘मैंने दूसरी बार लव आज कल बनाई और लोगों को यह उतनी पसंद नहीं आई. मजाक कर रहा हूं. ये कारण नहीं है कि मैं जब वी मेट का सीक्वल नहीं बनाना चाहता, लेकिन जब तक सीक्वल बनाने का पैशनेट रीजन ना हो, तब तक किसी को भी ऐसा नहीं करना चाहिए.’
करीना कपूर के साथ दोबारा क्यों नहीं किया काम?
इम्तियाज अली ने बताया कि वह ‘जब वी मेट’ के बाद करीना कपूर के साथ दोबारा काम करना करना चाहते हैं, लेकिन उन्हें कोई बढ़िया प्रोजेक्ट नहीं मिल रहा है. उन्होंने कहा, ‘जब भी आप किसी एक्टर के साथ काम करते हैं, तो यह भी जिम्मेदारी होती है कि आप सिर्फ दिखावे के लिए काम ना करें. दोबारा साथ काम करने का आइडिया तब अच्छा है, जब प्रोजेक्ट पहले वाले की अपेक्षा बिल्कुल अलग हो.’
उन्होंने आगे कहा, ‘मैं और करीना एक-दूसरे का साथ काम करना चाहते हैं, लेकिन तब से लेकर आज तक आज तक ऐसा मौका ही नहीं मिला. क्योंकि, जो काम हम पहले कर चुके हैं उससे यूनीक या बेहतर कुछ भी नहीं था.’