अखिलेश यादव से मुलाकात मात्र शिष्टाचार भेंट, मैंने पार्टी के विरुद्ध कोई कार्य नहीं किया : सुषमा पटेल
बहुजन समाजवादी पार्टी की विधायक को पार्टी मुखिया मायावती ने निलंबित कर दिया है। इस बाबत डॉ. सुषमा पटेल ने जागरण को बताया कि 2017 में मुंगराबादशाहपुर विधानसभा से बसपा के टिकट पर पहली बार विधायक चुनी गई थीं। निलंबन की कार्रवाई की जानकारी प्राप्त होने के बाद उन्होंने जागरण को बताया कि पार्टी के विरुद्ध उन्होंने कोई कार्य नहीं किया है। पार्टी मुखिया के निर्देश पर राज्यसभा के लिए उन्होंने प्रस्तावक बनकर हस्ताक्षर भी किया है, किसी प्रकार का कोई विरोध नहीं किया है।
सपा मुखिया अखिलेश यादव से मुलाकात की बात उन्होंने स्वीकार किया और कहा कि किसी से शिष्टाचार मुलाकात करना अपराध नहीं है। सपा में शामिल होने की बात पूछे जाने पर उन्होंने इनकार किया। इस बाबत जागरण को बताया कि इस संदर्भ में सपा मुखिया से कोई बात नहीं हुई है। मैं बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ी थी जनता ने मुझे विधायक बनाया। आज भी बसपा की विधायक हूं और जनता के लिए कार्य करती रहूंगी। सपा मुखिया से समाजवादी पार्टी में शामिल होने के संदर्भ में कोई वार्ता नहीं हुई है, सिर्फ औपचारिक शिष्टाचार मुलाकात हुई थी।
चर्चा में रही सुषमा पटेल की सपा मुखिया से मुलाकात
विधायक डॉ. सुषमा पटेल की सपा में शामिल होने की अटकलें एक दिन पूर्व से ही तेज हो गई थीं जब उन्होंने समाजवादी पार्टी के मुखिया से शिष्टाचार मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद समाजवादी पार्टी में शामिल होने की चर्चा तेज हो गई। संभावना यह भ्ाी जताई जा रही थी कि राज्यसभा चुनाव में वह समाजवादी पार्टी का समर्थन कर सकती हैं। इस संदर्भ में एक दिन पूर्व पूछे जाने पर उन्होंने सपा मुखिया अखिलेश यादव से मुलाकात की बात स्वीकार की और बताया था कि यह एक औपचारिक शिष्टाचार मुलाकात है। राज्यसभा चुनाव चल रहा है उसी को लेकर कुछ चर्चा हुई। यद्यपि समाजवादी पार्टी में शामिल होने से उन्होंने इनकार किया। समाजवादी पार्टी में शामिल होने की बात पूछे जाने पर उन्होंने कहा था कि मैं बसपा की विधायक हूं, सपा में में शामिल होने की कोई बात नहीं है।
बसपा से निष्कासन पर हतप्रभ हैं विधायक वंदना
बसपा से निष्कासित सगड़ी क्षेत्र की बसपा विधायक वंदना सिंह पार्टी सुप्रीमों की कार्रवाई से हतप्रभ हैं। उन्होंने कहा कि निष्कासन की जानकारी सुबह मीडिया के जरिए मिली तो बसपा मुखिया से बात करने के लिए फोन मिलाया लेकिन उनकी व्यस्तता के कारण बात नहीं हो सकी। फिर भी मैं उनसे बात करके अपना पक्ष रखूंगी। कहा कि मैंने सपा मुखिया अखिलेश यादव से न तो कभी भेंट की और न ही कोई बात हुई। पार्टी ज्वाइन करने के बाद मैं कहीं नहीं गई। हमेशा पार्टी के निर्देशों का पालन किया। इसके बाद भी किस आधार पर मुझे पार्टी से निकाला गया, समझ में नहीं आ रहा है।