UP: मुजफ्फरनगर में महिला के धर्मांतरण की साजिश, पति ने दो युवकों पर दर्ज करवाया ‘लव जिहाद’ का केस
उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के बाद मुजफ्फरनगर में भी लव जिहाद का केस दर्ज किया गया है। वहां एक पीड़ित पति की तहरीर पर पुलिस ने दो आरोपितों के खिलाफ ‘लव जिहाद’ का मामला पंजीकृत किया है। पति का आरोप है कि अलग संप्रदाय दो युवकों ने साजिश रचकर उसकी पत्नी का जबरन धर्म परिवर्तन कराने का प्रयास किया। शादी का झांसा देने के साथ अन्य प्रलोभन दिए। उत्तराखंड के जिला हरिद्वार क्षेत्र के दो युवकों के विरुद्ध जबरन धर्मांतरण विरोधी कानून की धाराओं में अभियोग दर्ज किया गया है।
मुजफ्फरनगर जिले के मंसूरपुर क्षेत्र के एक गांव निवासी युवक उत्तराखंड में हरिद्वार के भगवानपुर में ठेकेदारी करता है। युवक पत्नी के साथ वहीं रहता है। ठेकेदार का आरोप है कि भगवानपुर निवासी सलमान और करौंदी गांव का रहने वाला नदीम साथ में काम करते हैं। दोनों युवकों का उसके घर आना-जाना शुरू हो गया। आरोपितों ने उसकी पत्नी को प्रेमजाल में फंसा लिया। महिला को जबरन धर्म परिवर्तन करने के लिए उकसाने का प्रयास किया। आरोपित महिला को शादी का झांसा समेत अन्य प्रलोभन देते रहे।
ठेकेदार को जह युवकों की हरकत का पता लगा तो वह अपने गांव आ गया। सोमवार देर शाम ठेकेदार मंसूरपुर थाने पहुंचा। उसकी तहरीर पर पुलिस ने नदीम और सलमान के खिलाफ उत्तर प्रदेश धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम की धारा 3/5 में मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस आरोपित युवकों की तलाश कर रही है। इसके लिए हरिद्वार पुलिस को भी जानकारी दी गई है। मंसूरपुर इंस्पेक्टर कुशल पाल सिंह ने बताया कि आरोपितों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।
एसएचओ सिंह ने कहा कि शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि नदीम ने अपने दोस्त सलमान ने का साथ मिलकर उसकी पत्नी पर धर्म परिवर्तन कर शादी करने का दबाव बनाना शुरू कर दिया था। जब शिकायतकर्ता को इसके बारे में पता चला, तो उसने अपने परिवार को मंसूरपुर भेज दिया, लेकिन नदीम और उसके दोस्त ने फोन कॉल के माध्यम से महिला पर बढ़ाया, जिसके बाद शिकायतकर्ता ने पुलिस से संपर्क किया। उन्होंने कहा कि कोई गिरफ्तारी नहीं हुई और एक टीम को जांच के लिए भेजा जा रहा था।
बता दें कि पिछले दिनों उपचुनाव के दौरान उतर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा था कि सरकार लव जिहाद और जबरन धर्मांतरण से निपटने के लिए एक नया कानून बनाएगी। अध्यादेश के प्रभावी होते ही शनिवार को बरेली जिले के देवरनियां थाना क्षेत्र में इसके तहत पहला मुकदमा दर्ज किया गया, जिसमें एक युवक ने शादीशुदा युवती पर धर्म बदलकर निकाह करने के लिए दबाव बनाया और उसके पूरे परिवार को धमकी दी थी। देवरनियां थाने में उवैश अहमद के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और नए अध्यादेश के तहत मामला दर्ज किया गया था।
बता दें कि उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम 2020 को मंजूरी दे दी है, जिसमें जबरन या धोखे से धर्मांतरण कराये जाने और शादी करने पर दस वर्ष की कैद और विभिन्न श्रेणी में 50 हजार रुपये तक जुर्माना लगाया जा सकता है। राज्यपाल की मंजूरी के बाद अधिनियम की अधिसूचना शनिवार को जारी कर दी थी।