संयुक्त राष्ट्र की चार समितियों के लिए हुए चुनाव में हारा रूस, वैश्विक स्तर पर मास्को के अलग-थलग पड़ने के संकेत
संयुक्त राष्ट्र की चार समितियों के लिए हुए चुनाव में रूस को हार का सामना करना पड़ा है। इसे यूक्रेन के खिलाफ युद्ध को लेकर मास्को के वैश्विक स्तर पर अलग-थलग पड़ने के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक परिषद (ईसीओएसओसी) के सहायक और संबद्ध निकायों में विभिन्न रिक्तियों को भरने के लिए बुधवार को चुनाव हुए। रूस गैर-सरकारी संगठनों की समिति, संयुक्त राष्ट्र महिला कार्यकारी बोर्ड, यूनिसेफ कार्यकारी बोर्ड और स्वदेशी मुद्दों पर स्थायी मंच के लिए हुए चुनावों में किस्मत आजमा रहा था।
गैर-सरकारी संगठनों की समिति के चुनाव में रूस को 54 में से 15, संयुक्त राष्ट्र महिला कार्यकारी बोर्ड के चुनाव में 54 में से 16, यूनिसेफ कार्यकारी बोर्ड के चुनाव में 54 में से 17 और स्वदेशी मुद्दों पर स्थायी मंच के चुनाव में 52 में से 18 मत प्राप्त हुए। संयुक्त राष्ट्र में ब्रिटेन के मिशन ने ट्वीट किया, ‘संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देश रूस को अलग-थलग कर रहे हैं। वे यूक्रेन के साथ खड़े हैं।’ संयुक्त राष्ट्र में यूरोपीय संघ के प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि रूस की आक्रामकता ने उसे संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख निकायों में सेवा देने के लायक भी नहीं छोड़ा है।
भारत संयुक्त राष्ट्र के चार निकायों में निर्वाचित
भारत को ईसीओएसओसी के चार प्रमुख निकायों के लिए चुना गया है। ईसीओएसओसी 1945 में संयुक्त राष्ट्र चार्टर द्वारा स्थापित संयुक्त राष्ट्र प्रणाली के छह प्रमुख अंगों में से एक है। इसमें महासभा द्वारा चुने गए संयुक्त राष्ट्र के 54 सदस्य शामिल हैं। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन ने ट्वीट कर बताया कि भारत को संयुक्त राष्ट्र ईसीओएसओसी के चार निकायों के लिए चुना गया है। सामाजिक विकास आयोग, गैर-सरकारी संगठनों की समिति और विकास के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी आयोग के चुनाव में उसे जीत मिली है, जबकि राजदूत प्रीति सरन को आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक अधिकारों की समिति के लिए फिर से चुना गया है। भारत के स्थायी मिशन ने सभी सदस्य राष्ट्रों को धन्यवाद दिया है। सरन का चार साल का पहला कार्यकाल एक जनवरी, 2019 से शुरू हुआ था। वहीं, गैर-सरकारी संगठनों की समिति में पाकिस्तान को सातवीं बार चुना गया है।