27 November, 2024 (Wednesday)

स्वामी प्रसाद मौर्य भाजपा का दामन छोड सपा मे हुए शामिल मौर्य ने मंत्री पद से दिया इस्तीफासपा मुखिया अखिलेश यादव ने सपा में मौर्य का किया स्वागत

कुशीनगर। विधानसभा चुनाव से पूर्व सत्ता दल भाजपा को बडा झटका लगा है। हुआ यह कि काफी दिनो से लगाये जा रहे अटकलों पर मंगलवार को स्वामीप्रसाद मौर्य ने विराम लगाते हुए भाजपा का दामन छोड सपा मे शामिल हो गये। वह सपा मुखिया से मुलाकात भी किए जिसकी तस्वीर स्वय अखिलेश यादव ने शेयर करते हुए कहा कि सामाजिक न्याय का इंकलाब होगा बाइस मे बदलाव होगा।
काबिलेगोर है कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में मंगलवार को उस समय भूचाल आ गया जब योगी सरकार मे कैबिनेट मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है।स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपना इस्तीफा राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को भेज दिया है। इसके साथ ही उन्होंने भारतीय जनता पार्टी  का साथ छोड़कर समाजवादी पार्टी  ज्वॉइन कर लिया है। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को भेजे गए अपने इस्तीफे में स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, ‘श्रम एवं सेवायोजन व समन्वय मंत्री के रूप में विपरीत परिस्थितियों व विचारधारा में रहकर भी बहुत ही मनोयोग के साथ उत्तरदायित्व का निर्वहन किया है किंतु दलितों, पिछड़ों, किसानों, बेरोजगार नौजवानों एवं छोटे- लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्यापारियों की घोर उपेक्षात्मक रवैये  के कारण उत्तर प्रदेश के मंत्रिमंडल से मैं इस्तीफा देता हूं.’
स्वामी प्रसाद मौर्य के कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उनके साथ एक तस्वीर शेयर की और लिखा- ‘सामाजिक न्याय और समता-समानता की लड़ाई लड़ने वाले लोकप्रिय नेता श्री स्वामी प्रसाद मौर्या जी एवं उनके साथ आने वाले अन्य सभी नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों का सपा में ससम्मान हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन!’
सपा सुप्रिमो के सीधे संपर्क में थे स्वामी प्रसाद मौर्य
पिछले कई दिनों से चर्चा चल रही थी कि स्वामी प्रसाद मौर्य, बीजेपी का दामन छोड़कर अखिलेश यादव की साईकिल पर सवार हो सकते हैं. कहा जा रहा है कि स्वामी प्रसाद मौर्य के ज्वॉइनिंग मामले को सीधे अखिलेश यादव देख रहे थे और बातें उनके स्तर पर ही हो रही थी. स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफे को बीजेपी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है.
पिछड़ी जाति को सहेजने मे जुटे है अखिलेश
पिछले चुनाव में बीजेपी को सत्ता में पहुंचाने का श्रेय पिछड़ी जातियों को जाता है और इस बार अखिलेश यादव हर हाल में पिछड़ी जातियों को अपने तरफ मोड़ने में लगे हैं. यही वजह है कि छोटे छोटे दलों से गठबंधन के अलावा उन्होंने पिछड़े नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल कराने का अभियान छेड़ रखा है. स्वामी प्रसाद मौर्य इस अभियान का हिस्सा हैं।
संघमित्रा के संबोधन के दौरान जब हुई थी टोकाटाकी
पिछले दिनों लखनऊ के कार्यक्रम में स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी और बदायूं से बीजेपी सांसद संघमित्रा मौर्य जब कार्यक्रम को संबोधित कर रही थी उस वक्त टोका टाकी की गई थी तो उन्होंने मुख्यमंत्री और अध्यक्ष के सामने ही अपनी नाराजगी दिखाते हुए माइक छोड़ दिया था हालांकि बाद में उन्हें मना कर वापस भाषण देने के लिए कहा गया। तभी से मौर्य की भाजपा से नाराजगी के चर्च सरेआम हो रही थी।
कही ऊंचाहार की सीट के लिए तो  साइकिल पर सवार नही हुए मौर्य
कहना न होगा कि स्वामी प्रसाद मौर्य के बेटे उत्कृष्ट मौर्य रायबरेली की ऊंचाहार सीट से पिछले बार भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े थे, हालांकि बहुत कम अंतर से वह चुनाव हार गए थे लेकिन कहा यह जा रहा है कि बीजेपी से वह सीट जीतना बेहद मुश्किल है. ऐसे में स्वामी प्रसाद मौर्य के बेटे को अगर यह सीट जीतनी है तो समाजवादी पार्टी से ही वह जीत सकते हैं.। सूत्रों के मुताबिक बीजेपी इस बार फिर स्वामी प्रसाद मौर्य के बेटे को ऊंचाहार सीट से टिकट देने को तैयार नही थी। इधर स्वामी प्रसाद मौर्य को लगता है कि इस सीट के समाजवादी पार्टी ही मुफीद है। वैसे स्वामी प्रसाद मौर्य अपने फैसलों से चौंकाते रहे हैं. जब उन्होंने बसपा छोड़ी थी तब आखिरी वक्त किसी को मालूम नहीं था, अब बीजेपी के साथ भी ऐसा हुआ.
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