राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्या डा0 शुचिता चतुर्वेदी ने कलक्ट्रेट सभागार मे बाल संरक्षण व बाल सेवा योजना को लेकर कई समीक्षा बैठक जिला अस्पताल और मदरसे का किया स्थलीय निरीक्षण
कुशीनगर। राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग उ0प्र0 की सदस्या डॉ0 शुचिता चतुर्वेदी ने कहा कि सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बच्चों को लेकर काफी संवेदनशील है। यही कारण है कि बाल संरक्षण के लिए प्रदेश सरकार के द्वारा कई महत्वकांक्षी सारी योजनाएं चलाई जा रही है। उन्होंने तल्ख लहजे मे बाल श्रम करवाने वाले लोगों पर एफआईआर दर्ज कराने का निर्देश देते हुए कहा कि यह मत भूलिए कि पीडितो को न्याय नही मिलता है तो आप उसके अपराधी बन रहे है।
बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्या डा0 शुचिता गुरुवार को कलक्ट्रेट सभागार मे बाल संरक्षण व बाल सेवा योजना से जुड़ी समीक्षा बैठक कर रही थी। इस दौरान वह कोविड से अनाथ हुए बच्चों से भी मिलीं। उनकी और उनके परिवार के साथ-साथ उन बच्चों की शिक्षा-दीक्षा की विस्तृत जानकारी हासिल की। समीक्षा बैठक मे उन्होने बाल सेवा योजना की जानकारी देते हुए बताया यह योजना कोविड से अनाथ हुए बच्चों के लिए शुरू की गई है। इस योजना के तहत प्रत्येक अनाथ बच्चे चार हजार रुपये प्रति माह सरकार द्वारा दिए जाने का प्राविधान है, ताकि वह किसी के मोहताज न हो और खुद को किसी पर बोझ न समझे। उन्होंने कहा कि ऐसे बच्चे जब तक पढेगे स्कूल मे उन्हे फीस नहीं देना होगा। उन्होंने जिला उद्योग केंद्र, जिला विद्यालय निरीक्षक, चाइल्ड लाइन ,समाज कल्याण अधिकारी, जिला बाल संरक्षण इकाई, बाल कल्याण समिति के अधिकारियों को निर्देशित किया कि पीड़ितों का राशन कार्ड, स्कूल मे फीस माफी, परिवार के लिए ओडीओपी परियोजना, विधवा पेंशन तथा समाज कल्याण की योजनाओं से लाभान्वित किया जाए ।
समीक्षा बैठक में विभिन्न विभागों द्वारा संचालित की जा रही योजनाओं की जानकारी लेते हुए सदस्या डा0 चतुर्वेदी ने संबंधित अधिकारियों को पीड़ित बच्चों और उनके परिवार को योजनाओं से जोड़ने का निर्देश दिया। उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी से पीकू वार्ड की तैयारी,संचारी रोग, यूनिसेफ के योगदान के संदर्भ मे जानकारी लेते हुए पीडितो को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने का निर्देश दिया। इसके अलावा उन्होंने जिला विद्यालय निरीक्षक से ऑनलाइन क्लासेज के बारे में पूछा और पीडित बच्चों को सरकारी योजनाओं का लाभ मुहैया कराने के साथ कोविड से अनाथ हुए बच्चे की स्कूल फीस माफ कराने का निर्देश दिया। समीक्षा के दरम्यान ही बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्या ने श्रम विभाग से पूछा कि कितने बच्चों को बाल श्रमिक के रूप में रेस्क्यू किया गया, इस संदर्भ में अब तक क्या कार्रवाई की गई है, रेस्क्यू बच्चो के पुनर्वास के लिए क्या प्रयास किए गए , बाल श्रम करवाने वाले लोगों पर एफआईआर दर्ज हुई कि नहीं, कोर्ट में कंपनसेशन की प्रक्रिया की क्या स्थिति है। उन्होंने गुमशुदा बच्चों की भी सूचना जानकारी लेते हुए बाल विवाह मामले को भी गंभीरता से सुना।
जिला अस्पताल का किया निरीक्षण, गंदगी देख लगायी फटकार
कलेक्ट्रेट सभागार मे समीक्षा बैठक के बाद उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्या ने जिला अस्पताल का निरीक्षण किया जहां उन्होंने पीकू वार्ड, ऑपरेटर रूम, ऑक्सीजन कक्ष, टीकाकरण केंद्र को देखा। पीकू वार्ड के निरीक्षण उन्होंने पीकू वार्ड के आईसीयू कक्ष का निरीक्षण किया। वहां दवाओं के बारे में जानकारी ली, अभिभावकों से बातें की और डॉक्टरों को निर्देश दिया कि मरीजों समुचित ध्यान रखा जाए। आईसीयू वार्ड में बंद पड़े एसी को उन्होंने तत्काल प्रभाव से चालू कराने का निर्देश दिया। और इतनी मे एसी बंद होने का किरण पूछते हुए नाराजगी जताई। इसके अलावा आईसीयू में आये बहुत सारे अभिभावकगण द्वारा मास्क नहीं लगाने पर उन्होंने फटकार लगाया और सीएमओ को मास्क वितरण के लिए निर्देशित किया। रिसेप्शन टेबल पर भी मास्क नहीं होने पर भी उन्होंने नाराजगी जाहिर की। उन्होंने सख्त निर्देश दिया कि बिना मास्क के किसी की एंट्री ना की जाए । इसके बाद वह टीकाकरण केंद्र पहुंची, वहां भी उन्होंने लगी भीड़ को मास्क लगाने के लिए तथा 2 गज की दूरी बनाकर लाइन में लगने को कहा। अस्पताल की दुर्व्यवस्था व सुविधाओं का अभाव देख उन्होने जमकर फटकार लगाई। इसके बाद सदस्या डा0 चतुर्वेदी पडरौना के जमालपुर स्थित फैजुल उलूम मदरसा का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने मदरसे मे स्टाफ संख्या ,शिक्षको की संख्या हैं, पढ़ाई की स्थिति सहित तमाम जरुरी बिन्दुओं पर जानकारी हासिल की। इस अवसर पर माननीय सदस्या के साथ सीडब्ल्यूसी की चेयरमैन श्रीमती दीपाली सिन्हा , अंजली पाण्डेय, महिला थानाध्यक्ष त्रिलोत्मा त्रिपाठी तथा अन्य अधिकारीगण मौजूद रहे।