सोनिया गांधी की पार्टी नेताओं को हिदायत, निजी स्वार्थ से ऊपर उठकर करें पार्टी हित में काम
3 years ago
कांग्रेस की आज एक अहम बैठक शुरू हो गई है। ये बैठक पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर बुलाई गई है। इस बैठक में पार्टी के सभी शीर्ष पदाधिकारियों के अलावा विधानसभा चुनाव वाले राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष और प्रभारी भी हिस्सा ले रहे हैं। इस बैठक की अध्यक्षता पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी कर रही हैं।
इस बैठक में सोनिया गांधी ने सभी को अनुशासन में और एकजुट रहने की हिदायत दी है। इसके अलावा उन्होंने पार्टी और संगठन को मजबूत करने के लिए नेताओं से पहल करने और अपने निजी महत्वाकांक्षाओं और स्वार्थ से ऊपर उठकर पार्टी हित में काम करने को कहा है। इसके अलावा उन्होंने भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस के खिलाफ मजबूती से खड़ा होने और लड़ने पर भी बल दिया है। उन्होंने इस बैठक में कहा कि इन चुनावों को जीतने के लिए हमें सत्ताधारी पार्टी के झूठ को सभी के सामने आगे बढ़कर लाना जरूरी होगा।
आपको बता दें कि अगले वर्ष उत्तर प्रदेश, पंजाब, गोवा, मणिपुर, उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव होने हैं। इनमें से कांग्रेस की सरकार केवल पंजाब में ही है। ये बैठक पार्टी हेडक्वार्टर में हो रही है। इसमें चुनाव को देखते हुए पार्टी की मेंबरशिप, कार्यकर्ताओं को ट्रेनिंग और विधानसभा चुनाव की रणनीति को लेकर विचार-विमर्श हो रहा है। गौरतलब है कि 16 अक्टूबर को हुई पार्टी की वर्किंग कमेटी में ये तय हुआ था कि एक नवंबर से पार्टी लोगों को अपने सदस्य बनाने का अभियान शुरू करेगी। सूत्रों की मानें तो पार्टी ने संगठन में होने वाले चुनाव को फिलहाल टाल दिया है।
भारतीय युवा कांग्रेस, एनएसयूआई, महिला कांग्रेस और पार्टी के सोशल मीडिया डिपार्टमेंट ने एक रिजोल्यूशन पास कर राहुल गांधी को पार्टी अध्यक्ष बनाने की बात कही है। माना जा रहा है कि इस बैठक में इसकी आवाज भी उठ सकती है। इससे पहले हुई सीडब्ल्यूसी की बैठक में राजस्थान, पंजाब, छत्तीसगढ़ के सीएम ने राहुल गांधी से अपील की थी कि वो पार्टी के अध्यक्ष पद को ग्रहण करें। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला का कहना है कि राहुल गांधी ने इस बात का विश्वास दिलाया है कि उनकी इस मांग पर विचार किया जाएगा।
बता दें कि वर्तमान समय में कांग्रेस की सरकार केवल पंजाब में ही है। कांग्रेस इस बार यूपी और पंजाब में अपनी पूरी ताकत लगा देना चाहती है। पंजाब में बदले राजनीतिक हालात कांग्रेस के लिए अच्छे दिखाई नहीं दे रहे हैं। ऐसे में उसके सामने यहां पर अपनी सरकार को बचाकर रखने की बड़ी चुनौती भी है।