RSS-BJP में तकरार की अटकलों के बीच भागवत से मिलेंगे CM योगी
गोरखपुर. आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत ने शुक्रवार को एक ‘कार्यकर्ता शिविर’ में भाग लिया और ‘विकास वर्ग पथ संचलन’ का अवलोकन किया. भागवत अपने पांच दिवसीय प्रवास पर बुधवार को गोरखपुर पहुंचे थे. सूत्रों के अनुसार शनिवार को यहां उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी उनकी मुलाकात की संभावना है. लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद आरएसएस प्रमुख और मुख्यमंत्री योगी की यह पहली मुलाकात होगी. माना जाता है कि सीएम योगी और मोहन भागवत की इस मुलाकात के बाद से संगठन और सरकार में रिश्तों में तालमेल बैठाने की कवायद तेज होगी. हाल ही में आरएसएस के कुछ बयानों से बीजेपी और संगठन में सही तालमेल नहीं होने की अटकलें लग रहीं हैं.
राज्य में भारतीय जनता पार्टी और सहयोगी दलों का प्रदर्शन 2014 और 2019 के मुकाबले खराब रहा है. इस बार लोकसभा चुनाव में राज्य की 80 सीट में भाजपा को सिर्फ 33 और सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) को दो तथा अपना दल (एस) को एक सीट मिली है. मुख्य विपक्षी दल सपा को 37 और उसकी सहयोगी कांग्रेस को छह सीट पर जीत मिली है. एक सीट आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) ने भी जीती है. वहीं मोहन भागवत ने सोमवार को नागपुर में संगठन के ‘कार्यकर्ता विकास वर्ग-द्वितीय’ के समापन कार्यक्रम में आरएसएस के प्रशिक्षुओं की एक सभा को संबोधित किया था, जहां उन्होंने मणिपुर की स्थिति पर चिंता जाहिर की थी. आरएसएस के नेता इंद्रेश कुमार ने गुरुवार को जयपुर के पास कनोटा में ‘रामरथ अयोध्या यात्रा दर्शन पूजन समारोह’ में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए कहा था कि जो पार्टी राम की पूजा करती थी, वह अहंकारी हो गई.
इंद्रेश कुमार ने कहा कि ऐसे में 2024 के चुनाव में वह सबसे बड़ी पार्टी बन तो गयी, लेकिन जो उसे सत्ता (अकेले पूर्ण बहुमत) मिलनी चाहिए थी, उसे भगवान राम ने अहंकार के कारण रोक दिया. उन्होंने कहा कि जो लोग राम का विरोध करते थे, उनमें से किसी को भी सत्ता नहीं मिली, यहां तक कि सभी को मिलाकर दूसरे नंबर पर खड़ा कर दिया गया. कुमार का यह बयान भागवत के उस बयान के बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि एक सच्चे ‘सेवक’ में अहंकार नहीं होता और वह ‘गरिमा’ बनाए रखते हुए लोगों की सेवा करता है.