राजद सुप्रीमो लालू प्रसादकी रिहाई का रास्ता साफ, झारखंड हाईकोर्ट ने दी जमानत
राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद को बड़ी राहत मिली है।
बीमारियों और सजा एक साथ झेल रहे लालू प्रसाद को ये राहत झारखंड उच्च न्यायालय से मिली है। झारखंड हाईकोर्ट ने डोरंडा कोषागार मामले में सजा काट रहे आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद को जमानत दे दी है। झारखंड उच्च न्यायालय ने लालू को दस लाख रुपयों के निजी मुचलके पर जमानत दी है।
अदालत ने सीबीआई की उस दलील को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि लालू प्रसाद ने डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी से जुड़े मामले में आधी सजा पूरी पूरी नहीं की है। अदालत ने आधी सजा पूरा होने और विभिन्न बीमारियों और उम्र को ध्यान में रखते हुए लालू प्रसाद को जमानत दी है।
लालू प्रसाद को डोरंडा कोषगार से अवैध निकासी से जुड़े मामले में हाईकोर्ट से जमानत मिली। इससे पहले चार अन्य मामलों में लालू प्रसाद को जमानत मिल चुकी है। फिलहाल न्यायिक हिरासत में उनका इलाज दिल्ली के एम्स में चल रहा है। सजा सुनाए जाने के बाद लालू की रिम्स में तबीयत बिगड़ गई थी जिसके बाद उन्हें दिल्ली ले जाया गया था। तब से न्यायिक हिरासत में उनका वहीं इलाज चल रहा है। इसके अलावा पटना में भी चारा घोटाले का एक मुकदमा विचाराधीन है जिसमें लालू आरोपी हैं।
इससे पहले अदालत में शपथ पत्र दायर कर सीबीआई की ओर से कहा गया था कि डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी से जुड़े मामले में लालू प्रसाद की आधी सजा अब तक पूरी नहीं हुई हैं, वैसी स्थिति में उन्हें जमानत दिया जाना उचित नहीं होगा। लालू प्रसाद की जमानत याचिका को सुनवाई के लिए हाई कोर्ट के जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत में सूचीबद्ध की गई थी। सुनवाई के बाद सीबीआई की दलील को खारिज कर दिया गया।याचिकाकर्ता के अधिवक्ता की ओर से दायर याचिका में लालू प्रसाद की बीमारी, उम्र और आधी सजा जेल में काटने का हवाला देते हुए जमानत की गुहार लगाई गई थी। इससे पहले की सुनवाई में झारखंड हाई कोर्ट ने याचिका में आई त्रुटि को दूर करने का निर्देश दिया था। साथ ही सीबीआई को भी जवाब पेश करने को कहा था। गौरतलब है कि बहुचर्चित चारा घोटाला के सबसे बड़े मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने लालू प्रसाद को दोषी मानते हुए 5 साल की सजा सुनाई है। लालू प्रसाद की ओर से सजा के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील याचिका दायर की गई थी। साथ ही जमानत याचिका भी दायर की गई थी जिसे अदालत ने मंजूर कर लिया।