RBI का अनुमान, 2021-22 की पहली और दूसरी तिमाही में 5.2 फीसद रह सकती है खुदरा महंगाई दर
भारतीय रिजर्व बैंक ने बुधवार को कहा कि उसे उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में खुदरा मुद्रास्फीति 5.2 प्रतिशत पर रहेगी। इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने मार्च में खत्म हुई तिमाही के दौरान मुद्रास्फीति के अनुमान को घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया है। शक्तिकांत दास ने कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 में खुदरा महंगाई दर पांच फीसद पर रही, जबकि पहले इसके 5.2 फीसद पर रहने का अनुमान जाहिर किया गया था। MPC ने वित्त वर्ष 2021-22 की पहली और दूसरी तिमाही में खुदरा महंगाई दर के 5.2 फीसद, तीसरी तिमाही में 4.4 फीसद और चौथी तिमाही में 5.1 फीसद पर रहने का अनुमान जाहिर किया है।
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने चालू वित्त वर्ष के लिए पहली मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए कहा कि केंद्र और राज्यों द्वारा समन्वित प्रयासों से पेट्रोलियम उत्पादों पर घरेलू करों से कुछ राहत मिली है। हालांकि, कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों और लॉजिस्टिक लागतों के चलते विनिर्माण और सेवाएं महंगी हो सकती हैं।रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को चार फीसद, रिवर्स रेपो रेट को 3.35 फीसद, बैंक रेट को 4.25 पर बनाए रखा है। दास ने कहा कि केंद्र और राज्यों द्वारा समन्वित कार्यों के माध्यम से पेट्रोलियम उत्पादों पर घरेलू करों की दरों में कुछ राहत मिली है।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि 31 मार्च, 2021 को सरकार ने केंद्रीय बैंक को अप्रैल, 2021 से मार्च, 2026 तक के दौरान मुद्रास्फीति को एक बार फिर 2-6 फीसद के बीच सीमित रखने का लक्ष्य दिया है।आरबीआई ने वित्त वर्ष 2021-22 में जीडीपी में 10.5 फीसद की ग्रोथ का अनुमान जाहिर किया है। आरबीआई ने अनुमान जाहिर किया है कि वित्त वर्ष 2021-22 में देश की विकास दर 10.5 फीसद पर रह सकती है। MPC ने अपने पिछले पॉलिसी अनाउनंसमेंट में यह अनुमान जाहिर किया था।
इससे पहले केंद्रीय बैंक ने 2020-21 की चौथी तिमाही में खुदरा मुद्रास्फीति के 5.2 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था।