कर्नाटक चुनाव में भाजपा से भिड़ने के लिए कांग्रेस ने ठोकी ताल, व्यापक आंदोलन की घोषणा
नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश की जीत से मिली संजीवनी से उत्साहित कांग्रेस ने कर्नाटक चुनाव में भाजपा की सत्ता को गंभीर चुनौती देने की ताल ठोकते हुए सूबे की बसवराज बोम्मई सरकार के खिलाफ 30 दिसंबर से 75 दिनों के व्यापक आंदोलन और रचनात्मक कार्यक्रमों की घोषणा की है। इस क्रम में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के असर को भांपते हुए पार्टी ने इसी तर्ज पर कर्नाटक के सभी 224 विधानसभा क्षेत्रों में यात्रा निकालने का फैसला किया है।
कांग्रेस के लिए हिमाचल की जीत
इसमें सिद्धरमैया, शिवकुमार के अलावा राज्य विधान परिषद में नेता विपक्ष बीके हरिप्रसाद और कर्नाटक के प्रभारी महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला प्रमुख रूप से शामिल थे। हिमाचल की जीत कांग्रेस के सियासी मनोबल के लिए जहां टॉनिक है वहीं गुजरात की हार लचर चुनावी रणनीति को लेकर गंभीर अलर्ट। कर्नाटक में कांग्रेस संगठन का ढांचा और नेतृत्व मजबूत है, ऐसे में कारगर रणनीति चुनाव में पार्टी को सफलता दिला सकती है और जाहिर तौर पर कांग्रेस इस बड़े सूबे में सत्ता की बाजी हाथ से फिसलने नहीं देना चाहती।
मल्लिकार्जुन खरगे ने इसके मद्देनजर ही पिछले 15 दिनों में सूबे के वरिष्ठ नेताओं, सांसदों, विधायकों के अलावा जिला व प्रांत स्तर के प्रमुख नेताओं के साथ बैठकें कर चर्चा की है। इन चर्चाओं के बाद ही सूबे के शीर्ष नेताओं की एआइसीसी में सोमवार को बैठक हुई और पार्टी के राजनीतिक कार्यक्रमों की रूपरेखा का एलान किया गया। कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि इसमें 2023 चुनाव की तैयारियों की समीक्षा हुई और 40 प्रतिशत की भ्रष्ट बोम्मई सरकार के खिलाफ आंदोलन के साथ पार्टी के रचनात्मक कार्यक्रमों की रूपरेखा तय की गई।