देशभर से कोरोना के आंकड़े जुटाने के लिए अपग्रेड बनेगी वेबसाइट, तीन प्रमुख केंद्रीय संस्थानों को जिम्मा
देश के तीन प्रमुख केंद्रीय संस्थानों ने कोरोना संबंधी महत्वपूर्ण आंकड़ों को संग्रहित करने वाली वेबसाइट को उन्नत बनाने और महामारी का अध्ययन करने वाले लोगों व शोधकर्ताओं के लाभ के लिए एक मानकीकृत प्रारूप प्रदान करने के लिए एक निजी प्रौद्योगिकी कंपनी के साथ हाथ मिलाया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।उन्होंने कहा कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) मद्रास, भारतीय विज्ञान संस्थान (आइआइएससी) और भारतीय सांख्यिकी संस्थान (आइएसआइ) ने डाटा को अपग्रेड करने के लिए बेंगलुरु की एक निजी प्रौद्योगिकी कंपनी सिमेंटिक वेब इंडिया के साथ हाथ मिलाया है।
शोधकर्ता केंद्र और राज्य सरकार की वेबसाइटों से डाटा संग्रह की प्रक्रिया को स्वचालित करेंगे और उनका मिलान करेंगे। इसके साथ संक्त्रमण के मामलों, ठीक होने वालों की संख्या और टीकाकरण स्थिति का विश्लेषण भी किया जाएगा।अधिकारियों ने कहा कि वेबसाइट ‘कोविड19इंडियाडाटओआरजी’ ने पुष्टि वाले मामलों, उपचाराधीन और ठीक हो चुके मामलों, जांच और मौत पर आंकड़े प्रदान करके पूरे भारत में महामारी पर एक व्यापक दृष्टिकोण पेश किया। अब ‘इनकोविड19डाटओआरजी’ वेबसाइट बनाई गई है।
इस पहल के बारे में आइआइटी मद्रास के एसोसिएट डीन (औद्योगिक परामर्श और प्रायोजित अनुसंधान) वी. कामकोटि ने कहा, ‘पोर्टल इस डाटा को एक स्थान पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराकर एक मूल्यवान सेवा प्रदान कर रहा था जो कि महामारी को समझने के लिए महत्वपूर्ण है। नया पोर्टल विभिन्न स्त्रोतों से ऐतिहासिक और नए एकत्रित डाटा के साथ वर्तमान कोविड-19 इंडिया पोर्टल के प्रयासों को जारी रखेगा।
24 घंटे में साढ़े 12 हजार मिले नए मामले, 251 मौतें
कोरोना के मामलों में सुधार जारी है। देश में पिछले 24 घंटे में 12,514 नए मामले मिले हैं और 251 लोगों की जान गई है। इनमें अकेले केरल से ही सात हजार से ज्यादा मामले और 167 मौतें शामिल हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से सोमवार सुबह आठ बजे अपडेट किए गए आंकड़ों के मुताबिक पिछले एक दिन में सक्रिय मामले भी 455 घटे हैं और वर्तमान में उपचाराधीन मरीजों की संख्या 1,58,817 रह गई है जो 248 दिन में सबसे कम है और कुल मामलों का 0.46 प्रतिशत है। मरीजों के उबरने और मृत्युदर में कोई बदलाव नहीं हुआ है। दैनिक और साप्ताहिक संक्रमण दर दो प्रतिशत से नीचे बरकरार हैं।