मोरबी पुल हादसा: 5 महीने बाद राज्य सरकार का बड़ा एक्शन, हादसे में गई थी 135 लोगों की जान
मोरबी: गुजरात के मोरबी शहर में पुल के टूटने के कुछ महीने बाद राज्य सरकार ने मंगलवार को शहर की नगरपालिका को भंग कर दिया। पिछले साल 30 अक्टूबर को हुए इस हादसे में 135 लोगों की मौत हो गई थी। नगरपालिका पर भारतीय जनता पार्टी का नियंत्रण था, जो राज्य में सत्तारूढ़ दल है। मोरबी के जिलाधिकारी जी टी पांडया ने कहा, ‘‘राज्य सरकार ने मोरबी नगरपालिका को भंग कर दिया है।’’
नगर पालिका में थे बीजेपी के 52 पार्षद
मोरबी शहर में मच्छु नदी पर स्थित झूला पुल का रखरखाव और संचालन ओरेवा ग्रुप नगरपालिका के साथ हस्ताक्षरित एक समझौते के तहत कर रहा था। जनवरी में, राज्य के शहरी विकास विभाग ने नगरपालिका को कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा था कि अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में नाकाम रहने के चलते उसे क्यों ना भंग कर दिया जाए। उल्लेखनीय है कि मोरबी नगरपालिका के सभी निर्वाचित 52 पार्षद भाजपा के थे।
क्या थी इस हादसे की वजह?
गुजरात सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल ने अपनी प्रारंभिक जांच में पाया है कि केबल पर लगभग आधे तारों पर जंग लगना और पुराने सस्पेंडर्स को नये के साथ वेल्डिंग करना उन कुछ प्रमुख खामियों में शामिल थे जिसके कारण पिछले साल मोरबी में झूलते पुल के टूटने का हादसा हुआ था। इस दुर्घटना में 135 व्यक्तियों की मौत हो गई थी। ये निष्कर्ष पांच सदस्यीय एसआईटी द्वारा दिसंबर 2022 में सौंपी गई ‘मोरबी पुल हादसे पर प्रारंभिक रिपोर्ट’ का हिस्सा हैं। रिपोर्ट को हाल ही में राज्य शहरी विकास विभाग द्वारा मोरबी नगर पालिका के साथ साझा किया गया।