पाकिस्तान में अल्पसंख्यक अधिकार आयोग ने मंदिर हमले पर सौंपी रिपोर्ट
पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के अधिकारों से संबंधित एक सदस्यीय आयोग ने खैबर पख्तूनख्वा प्रांत स्थित एक मंदिर में की गई तोड़फोड़ पर सोमवार को अपनी रिपोर्ट देश के उच्चतम न्यायालय को सौंप दी। आयोग ने इस रिपोर्ट में सिफारिश की है कि मंदिर की जमीन को जमीन कब्जाने वालों से मुक्त कराया जाए और सरकार को हमले की एक विस्तृत जांच करनी चाहिए। आयोग के अध्यक्ष शुएब सुदल ने करक जिले में मंदिर का दौरा किया और इस मामले में एक व्यापक रिपोर्ट उच्चतम न्यायालय में पेश की। उच्चतम न्यायालय ने आयोग को हमले की जांच करने के लिए कहा था।
रिपोर्ट में मामले में सभी प्रासंगिक विवरण और साक्ष्य एकत्रित करने का सुझाव दिया गया है। इसमें सरकार को भूमि हड़पने वालों से मंदिर की भूमि छुड़ाने का सुझाव भी दिया गया है। कट्टरपंथी जमीयत उलमा-ए-इस्लाम पार्टी (फजल उर रहमान समूह) के सदस्यों की अगुआई में एक भीड़ ने बुधवार को मंदिर में तोड़फोड़ की थी और आग लगा दी थी। वे धर्मस्थल पर विस्तार कार्य का विरोध कर रहे थे। वहां पर एक हिंदू धाíमक नेता की समाधि भी थी। प्राथमिकी में 350 से ज्यादा लोग नामजद हैं। अब तक 100 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। आयोग की रिपोर्ट में सरकार को करक जिले में अल्पसंख्यकों के अधिकार सुनिश्चित करने का सुझाव दिया गया है। आयोग ने प्रांत के मुख्यमंत्री महमूद खान से भी मुलाकात की।
प्रांतीय सरकार ने हिंदू समुदाय के परामर्श से समाधि और मंदिर के पुनíनर्माण का आश्वासन दिया है। मंदिर पर हमले की मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के नेताओं ने कड़ी निंदा की है। भारत ने भी मंदिर में तोड़फोड़ को लेकर भी पाकिस्तान के समक्ष अपना विरोध दर्ज कराया है और इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।