लवलीना ने पूर्व विश्व चैम्पियन को हराया
टोक्यो ओलंपिक-2020 में कांस्य पदक जीतने वाली भारत की लवलीना बोरगोहेन ने इस्तांबुल में जारी आईबीए महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप के 12वें संस्करण में भारत को विजयी आगाज दिलाया है। लवलीना ने सोमवार देर रात हुए अपने पहले मुकाबले में चीनी ताइपे की पूर्व विश्व चैंपियन चेन निएन-चिन को परास्त किया।
टोक्यो ओलंपिक के बाद अपना पहला टूर्नामेंट खेल रहीं लवलीना 70 किग्रा भार वर्ग के अपने पहले मुकाबले में 3-2 के विभाजित फैसले के साथ अंतिम-16 दौर में पहुंचने में सफल रहीं, जहां उनका सामना शुक्रवार को फेयर चांस टीम की सिंडी नगाम्बा से होगा।
दोनों मुक्केबाजों ने सावधानी के साथ शुरुआत की। शुरुआती एक मिनट तक तो किसी ने एक भी प्रहार नहीं किया। पूरे संयम के साथ खेल रहीं लवलीना ने पहले राउंड में कोई जल्दबाजी नहीं दिखाई और जब सही मौका आया तभी अपने लम्बे हाथ पसारे।
दूसरे राउंड में दोनों के बीच मुक्कों के कुछ अच्छे आदान-प्रदान हुए। इस दौरान चेन ने आक्रमण करने की कोशिश की, लेकिन तेज-तर्रार भारतीय अच्छी रक्षा तकनीक के साथ ब्लॉक करने में सफल रहीं और कांटे के मुकाबले के परिणाम को अपने पक्ष में करने में सफलता हासिल की।
मैच के बाद लवलीना ने कहा, “ओलंपिक के बाद ये मेरा पहला मैच था। ओलंपिक में बहुत कुछ सीखने को मिला था तो उस सबके ऊपर काम किया था। मुझे देखना था कि ओलंपिक के बाद अपनी कमियों पर काम करने के बाद मैं कहां तक पहुंची हूं और कैसा कर रही हूं। ये मैच मेरे लिए थोड़ा टफ था लेकिन सबके सपोर्ट की वजह से मैं अच्छा कर पाई और अच्छा बाउट दे पाई। मेरी यही कोशिश रहेगी कि आने वाले टाइम में और अच्छा कर पाऊं और इंडिया को गोल्ड दे पाऊं।”
इस जीत के साथ लवलीना ने विश्व चैंपियनशिप में 2018 और 2016 में क्रमश: स्वर्ण और कांस्य पदक जीतने वाली चीनी ताइपे की इस मुक्केबाज के खिलाफ अपना व्यक्तिगत रिकार्ड 2-3 कर लिया है। चिन के खिलाफ लवलीना की यह लगातार दूसरी जीत है।
उल्लेखनीय है कि चिन को ही लवलीना ने टोक्यो ओलंपिक के क्वार्टर फाइनल में हराया था और फिर सेमीफाइनल में पहुंचकर अपने लिए कांस्य पदक पक्का किया था। इससे पहले के तीन मुकाबलों में हालांकि चिन ने बाजी मारी थी।
टूर्नामेंट के दूसरे दिन मंगलवार को भारत की नीतू अपना मुकाबला खेलती नजर आएंगी। नीतू 48 किग्रा भार वर्ग के शुरुआती दौर में रोमानिया की स्टेलुटा डूटा से भिड़ेंगी।
चार भारतीय खिलाड़ियों- शिक्षा (54 किग्रा), मनीषा (57 किग्रा), अंकुशिता (66 किग्रा) और नंदिनी (+81 किग्रा) को अपने-अपने शुरुआती दौर के मुकाबलों में बाई मिली है।
यह साल खास है क्योंकि 73 देशों की 310 मुक्केबाज इस चैम्पियनशिप में भाग ले रही हैं। यह साल खास इसलिए भी है क्योंकि यह इस प्रतिष्ठित आयोजन की 20वीं वर्षगांठ का प्रतीक है।
आईबीए महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप का पिछला संस्करण 2019 में रूस में आयोजित किया गया था। उस समय भारतीय मुक्केबाजों ने एक रजत और तीन कांस्य पदक जीते थे।
भारतीय खिलाड़ियों ने इस प्रतिष्ठित वैश्विक आयोजन के 11 संस्करणों में अब तक नौ स्वर्ण, आठ रजत और 19 कांस्य सहित 36 पदक हासिल किए हैं। रूस (60) और चीन (50) के बाद भारत के नाम सबसे अधिक पदक हैं।