कामसूत्र में पुरुषों की कुछ ऐसी विशेषताओं का जिक्र है…………



आचार्य वात्स्यायन द्वारा रचित ग्रंथ ‘कामसूत्र’ में इस बात की विस्तार से चर्चा की गई है कि स्त्रियों को रिझाने में किस तरह के पुरुष ज्यादा कामयाब होते हैं. भले ही प्राचीन काल में लिखे गए ‘सूत्र’ अब उतने कारगर हों या नहीं, लेकिन इसे जानने की उत्सुकता तो आखिर बनी ही रहती है
‘कामसूत्र’ में पुरुषों की कुछ ऐसी विशेषताओं का जिक्र है, जिससे वे स्त्रियों को आकर्षित करने में आसानी से सफल होते हैं. ‘कामसूत्र’ के मुताबिक वैसे पुरुष स्त्रियों को रिझाने में ज्यादा सफल होते हैं, जिन्हें कामसूत्र का विस्तृत ज्ञान हो. वैसे पुरुष भी स्त्रियों को खूब भाते हैं, जो कथा-कहानी कहने में कुशल हों. यानी जो बातों का समयानुकूल विस्तार देते हुए चुटीले ढंग से पेश करते हों पूर्ण युवा और शारीरिक रूप से सक्षम पुरुष स्त्रियों को पसंद आते हैं.
क्रीड़ाओं और कलाओं में अपनी कुशलता सिद्ध करके विश्वास प्राप्त करने वाले पुरुष. उचित वार्तालाप करने वाला, अर्थात् व्यर्थ ही अधिक बातें न करने वाला भी स्त्रियों का भाता है. जिसकी प्रसिद्धि सौभाग्यशाली पुरुष के रूप में हो, वह भी युवतियों का पसंदीदा होता है. उपहार देने वाले स्वभाव से युक्त पुरुष भी स्त्रियों के दिल पर अपनी छाप छोड़ते हैं. साहसी और शूरवीर पुरुष हमेशा से ही महिलाओं को आकर्षित करने में सफल रहे हैं. विद्या, रूप, गुण और शानो-शौकत के लिहाज से श्रेष्ठ पुरुष अधिक पसंद किए जाते हैं.
‘कामसूत्र’ में लिखा गया है कि अधिक मूल्यवान वेश धारण करने वाले पुरुष भी स्त्रियों को आकर्षित करने में सफल होते हैं. ‘कामसूत्र’ में कुछ वैसे गुणों का भी विस्तार से उल्लेख मिलता है, जो पुरुषों में होने की अपेक्षा की जाती है. पुरुषों से यह अपेक्षा की जाती है कि वे स्थायी रूप से प्रेम करें. पुरुषों को त्यागी होना चाहिए और दूसरों की निंदा से बचना चाहिए.