02 November, 2024 (Saturday)

भारत-आस्ट्रेलिया के बीच पहली टू-प्लस-टू वार्ता आज, दोनों देशों के रक्षा व विदेश मंत्रियों की होगी बैठक

बदलते वैश्विक माहौल में नए मित्रों के साथ नई व्यवस्था गढ़ने की कोशिश में जुटे भारत और आस्ट्रेलिया के बीच पहली टू प्लस टू वार्ता शनिवार को होगी। इस वार्ता में दोनों देशों के विदेश और रक्षा मंत्री उपस्थित होंगे। भारत इसी तर्ज पर जापान और अमेरिका के साथ भी विशेष सालाना बैठक आयोजित करता है। आस्ट्रेलिया के साथ टू प्लस टू वार्ता के बाद जल्द ही जापान और अमेरिका के साथ भी विदेश एवं रक्षा मंत्रियों की बैठक की तैयारी चल रही है। भारत इन तीनों देशों के साथ समग्र तौर पर रिश्तों को विकसित करने में जुटा है। इनके साथ ही अलग-अलग रक्षा एवं विदेश मंत्रियों की वार्ता हो रही है और फिर क्वाड (चार देशों के संगठन) के तहत भी इनके साथ साझा बातचीत होनी है।

वार्ता में हिस्सा लेने भारत पहुंचे आस्ट्रेलिया के रक्षा मंत्री पीटर डुट्टो की शुक्रवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ द्विपक्षीय बैठक भी हुई। इसमें अफगानिस्तान के हालात पर खास तौर पर चर्चा हुई और दोनों देशों के रक्षा क्षेत्र में सहयोग स्थापित करने की संभावनाओं पर भी। रक्षा मंत्री ने आस्ट्रेलिया की कंपनियों को भारत के रक्षा क्षेत्र में निवेश करने के लिए आमंत्रित करते हुए भारत सरकार की तरफ से रक्षा क्षेत्र में विदेशी निवेश संबंधी नियमों का जिक्र किया। दोनों देशों के बीच संयुक्त तौर पर रक्षा उपकरणों के उत्पादन की संभावनाओं पर भी चर्चा हुई। राजनाथ ने कोरोना के बावजूद भारत दौरा करने के लिए आस्ट्रेलियाई रक्षा मंत्री को खासतौर पर धन्यवाद दिया और कहा कि दोनों देशों ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र को सभी देशों के लिए समान अवसर वाला और मुक्त रखने की संभावनाओं पर भी बात की।

द्विपक्षीय बैठक में हिंद-प्रशांत क्षेत्र का मुद्दा रहेगा प्रमुख

बैठक में हिस्सा लेने के लिए आस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री मैरिस पायने भी नई दिल्ली पहुंच गई हैं। शनिवार को उनकी पहले विदेश मंत्री एस. जयशंकर से द्विपक्षीय वार्ता होगी और उसके बाद टू प्लस टू वार्ता होगी। यहां देर शाम आयोजित एक सेमिनार में पायने ने कहा कि आस्ट्रेलिया के रणनीतिक दृष्टिकोण से भारत सबसे अहम देशों में से है। दोनों देशों के बीच रिश्ते काफी सही दिशा में बढ़ रहे हैं। उन्होंने संकेत दिया कि शनिवार को होने वाली द्विपक्षीय बैठक में हिंद-प्रशांत क्षेत्र का मुद्दा प्रमुख रहेगा और क्वाड देशों के बीच सहयोग को लेकर भी काफी बातचीत होगी। उन्होंने क्वाड को एक नई तरह का गठबंधन बताते हुए कहा कि यह किसी खास देश को ध्यान में रखकर तैयार नहीं किया गया है। सनद रहे कि क्वाड के चारों देशों (भारत, अमेरिका, जापान एवं आस्ट्रेलिया) के शीर्ष नेताओं की बैठक इसी महीने आयोजित करने को लेकर चर्चा हो रही है।

 

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