इमरान खान बोले, भारत-पाक के बीच कश्मीर मसला हल हो जाए तो परमाणु बम की जरूरत नहीं रहेगी
पाकिस्तान के परमाणु हथियार उसकी प्रतिरोधक क्षमता हैं, जो देश की सुरक्षा के लिए जरूरी हैं। अगर कश्मीर मसला निपट जाए तो इन हथियारों की पाकिस्तान को जरूरत नहीं होगी। यह बात पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कही है। उन्होंने कहा, अगर अमेरिका चाहे तो कश्मीर मसला सुलझ सकता है। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिपरी) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के पास जनवरी 2020 में 165 परमाणु हथियार थे जबकि भारत के पास 160 थे।
पाकिस्तान के पीएम ने कहा, परमाणु बम हमारी सुरक्षा के हथियार
इस रिपोर्ट पर इमरान ने कहा, उन्हें नहीं पता कि इस रिपोर्ट का क्या आधार है। लेकिन वह इतना कहना चाहते हैं कि पाकिस्तान के परमाणु हथियार हमारी प्रतिरोधक क्षमता है, जो हमें सुरक्षित बनाती है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री से जब यह पूछा गया कि उनका देश दुनिया में सबसे ज्यादा तेजी से परमाणु हथियार क्यों बना रहा है? जवाब में उन्होंने कहा कि वह परमाणु हथियारों के पूरी तरह से विरोधी हैं। इमरान ने यह बात एक टीवी चैनल से साक्षात्कार में कही है।
इमरान ने कहा, वह नहीं जानते कि सिपरी को परमाणु हथियारों से संबंधित सूचना कहां से मिली। जहां तक परमाणु हथियारों का सवाल है, ये आक्रमण की चीज नहीं होते हैं। ऐसे में जबकि पड़ोसी देश सात गुना बड़ा हो, तब कोई देश क्या कर सकता है। तब उसे अपनी सुरक्षा की चिंता करनी ही होती है। इमरान का इशारा भारत की ओर था, जिसके साथ पाकिस्तान का स्थापना काल से ही लगातार विवाद बना हुआ है।
परमाणु शक्ति संपन्न होने के बाद कोई युद्ध नहीं हुआ
उन्होंने कहा, भारत के साथ हमारे तीन युद्ध हुए लेकिन जबसे पाकिस्तान परमाणु शक्ति संपन्न बना उसके बाद कोई युद्ध नहीं हुआ। सीमा पर हल्की-फुल्की झड़प अलग बात है। इससे साबित होता है कि पाकिस्तान ने प्रतिरोधक क्षमता हासिल कर ली है। इमरान ने कहा, जिस क्षण कश्मीर मसला हल हो गया, उसके बाद दोनों देशों के लोग सभ्य नागरिकों की तरह रहना शुरू कर देंगे। हमें भी परमाणु हथियारों की प्रतिरोधक क्षमता की जरूरत नहीं रहेगी।
अमेरिका चाहे तो कश्मीर मसला हल हो जाएगा
एक सवाल के जवाब में इमरान ने कहा, कश्मीर को लेकर अमेरिका की बड़ी जिम्मेदारी है। अगर अमेरिकी चाह लें तो कश्मीर मसला सुलझ जाएगा। जबकि भारत कश्मीर मसले में किसी तीसरे पक्ष की भूमिका को नकारता है। भारत चाहता है कि शिमला समझौते और लाहौर घोषणा पत्र के अनुसार कश्मीर मसला द्विपक्षीय आधार पर बातचीत से हल हो।
उइगर मुस्लिमों पर चीन से बंद दरवाजे के पीछे हुई बात
पश्चिमी देशों में इस्लामोफोबिया के मसले पर आक्रामकता और चीन के शिनजियांग प्रांत में उइगर मुस्लिमों पर अत्याचार पर पाकिस्तान की चुप्पी पर इमरान ने कहा, इन सभी मसलों पर उसकी बंद दरवाजों के पीछे चीन के साथ बात हुई है। चीन मुश्किल वक्त का हमारा सबसे बड़ा दोस्त है। इसलिए हम उसके साथ बंद दरवाजों के भीतर बात करते हैं।
जब हम दुनिया की ओर नजर दौड़ाते हैं तो देखते हैं कि फलस्तीन, लीबिया, सीरिया, सोमालिया, अफगानिस्तान में अशांति फैली हुई है। हमारी सीमा पर ही क्या हो रहा है। उन्होंने उलटकर सवाल पूछा, क्या कश्मीर एक मुद्दा नहीं है। इन सभी की अनदेखी नहीं की जा सकती।