तीर्थ यात्रियों के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित करें:शिवराज
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि बुजुर्गों के जीवन काल में एक बार किसी बड़े तीर्थ स्थान की यात्रा के स्वप्न को मध्यप्रदेश सरकार ने पूरा करने का कार्य किया है।
श्री चौहान आज निवास पर आयोजित बैठक में मध्य प्रदेश तीर्थ दर्शन योजना का पुन: क्रियान्वयन प्रारंभ किए जाने की तैयारियों की जानकारी ले रहे थे। उन्होंने कहा कि योजना को पूरी तैयारियों के साथ फिर प्रारंभ किया जा रहा है। संबंधित विभाग और एजेंसियां तीर्थ यात्रियों के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित करें। बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति शिव शेखर शुक्ला और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वे 19 अप्रैल को दोपहर दो बजे रवाना हो रही स्पेशल ट्रेन के तीर्थ यात्रियों से भेंट करने स्वयं पहुंचेंगे। इन यात्रियों को वाराणसी में भगवान विश्वनाथ के दर्शन के साथ ही संत रविदास और संत कबीर दास के जन्म स्थान के दर्शन भी करवाए जाएंगे। तीर्थ यात्रियों की मध्यप्रदेश वापसी 22 अप्रैल को होगी।
श्री चौहान ने तैयारियों की जानकारी ली और तीर्थ यात्रियों की सुविधाओं और यात्रा अवधि में भोजन,गंतव्य तीर्थ स्थल पर रहने,खाने की समुचित व्यवस्था के निर्देश दिए। मध्य प्रदेश तीर्थ दर्शन योजना को प्रारंभ कर देश में अलग स्थान बना चुका है। बुजुर्ग लोगों का आशीर्वाद मध्य प्रदेश सरकार को मिला है। कोरोना काल के बाद योजना फिर प्रारंभ हो रही है। उन्होंने कहा कि योजना के अच्छे क्रियान्वयन के लिए सभी प्रबंध सुनिश्चित किए जाएं। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार भोपाल से 19 अप्रैल की दोपहर को रवाना होकर 20 अप्रैल की सुबह बनारस पहुंचने के पश्चात 20 एवं 21 अप्रैल को तीर्थ यात्री भगवान विश्वनाथ के दर्शन करेंगे, वे गंगा आरती में भी शामिल होंगे। तीर्थ यात्रियों को लौटते समय भगवान विश्वनाथ का स्मृति चिन्ह भेंट किया जाए। तीर्थ यात्री 22 अप्रैल को गृह प्रदेश लौटेंगे।
बैठक में बताया गया कि मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना में भोपाल संभाग के चार जिले और सागर संभाग के तीन जिले के कुल 974 यात्री जायेंगे। भोपाल संभाग के भोपाल, सीहोर, विदिशा, रायसेन से कुल 770 यात्रियों के अलावा सागर संभाग के सागर, दमोह और टीकमगढ़ के 204 यात्री भी वाराणसी जाएंगे। भोपाल संभाग में से भोपाल जिले से 617, विदिशा से 51, रायसेन से 51 और सीहोर से 51 यात्री जाएंगे। सागर संभाग में सागर जिले से 102, दमोह से 51 और टीकमगढ़ जिले से 51 यात्रियों का चयन किया गया है। एक विशेष व्यवस्था यह की गई है कि ट्रेन में भजन मंडली भी रहेगी। भजन मंडली के सदस्य यात्रा के दौरान समयानुकूल भजन गाते रहेंगे। यात्रा 19 अप्रैल को विशेष ट्रेन से रानी कमलापति स्टेशन से प्रारंभ होगी सागर स्टेशन होते हुए यह ट्रेन 20 अप्रैल की प्रात: 6 बजे काशी पहुंचेगी। स्टेशन पर तीर्थ यात्रियों का स्वागत ढोल-नगाड़ों से किया जाएगा। साथ ही तीर्थ यात्रियों को तुलसी की माला पहनाई जाएगी। तीर्थ स्थान यात्रा पर जा रहे यात्रियों के लिए रानी कमलापति स्टेशन पर स्वल्पाहार की व्यवस्थाा रहेगी। फूलों से सजी ट्रेन में तीर्थ यात्री निर्धारित सीट पर बैठेंगे। भोपाल सहित विदिशा,सीहोर और रायसेन जिलों के तीर्थ यात्री रानी कमलापति स्टेशन से रवाना होंगे। बनारस से 21 अप्रैल की शाम 6:30 बजे बनारस से ट्रेन वापस रवाना होगी। तीर्थ यात्रियों की वापसी 22 अप्रैल की प्रात: 7:30 बजे सागर और पूर्वान्ह 11 बजे रानी कमलापति स्टेशन पर होगी।
स्पेशल ट्रेन 19 अप्रैल को दोपहर दो बजे भोपाल स्टेशन से रवाना होने के पश्चात शाम 6 बजे सागर स्टेशन पहुंचेगी। सागर से सागर दमोह और टीकमगढ़ के चयनित तीर्थ यात्री यात्रा प्रारंभ करेंगे। ट्रेन 20 अप्रैल की प्रात: 6 बजे बनारस पहुंचेगी। तीर्थ यात्रियों को निर्धारित वाहन से रहवास स्थल तक पहुंचाया जाएगा। मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम के अधिकारी भी बनारस में आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर चुके हैं।
मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना में पात्रता के लिए मध्यप्रदेश का मूल निवासी होना आवश्यक है। तीर्थयात्री की उम्र 60 वर्ष से अधिक होना चाहिए। महिलाओं के संदर्भ में दो वर्ष की छूट दी जाती है। तीर्थ यात्री आयकरदाता न हो और शारीरिक और मानसिक रूप से सक्षम होना चाहिए। किसी संक्रामक रोग से ग्रस्त न हो, यह भी आवश्यक है। यात्रा के लिए सक्षम 60 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग व्यक्ति के लिए आयु सीमा का बंधन नहीं है। योजना में जो व्यक्ति तीर्थ यात्रा कर आए हैं,वे पांच वर्ष बाद ही पुन: यात्रा के लिए पात्र होते हैं। योजना के संचालन के लिए आई आर सीटीसी को एजेंसी बनाया गया है। तीर्थ यात्रियों की सुविधा का जिम्मा आई आर सीटीसी का ही है। तीर्थ यात्रियों की पंजीयन प्रक्रिया को पूर्णत: पारदर्शी और ऑन लाइन करने के लिए मैप आईटी एक पोर्टल भी बना रहा है। ट्रेन के टूर पैकेज में ऑन बोर्ड एवं ऑफ बोर्ड पर भोजन, सड़क परिवहन,बजट, आवास, टूर एस्कार्ट्स भी शामिल हैं। सुबह और शाम की चाय भी दी जाती है। यही नहीं तीर्थ यात्रा के दौरान फलाहार भी करवाया जाता है। राज्य शासन द्वारा एक चिकित्सक और सहायक के साथ औषधियों की व्यवस्था भी ट्रेन में की जाती है। सुरक्षा के लिए रेल्वे के बल के साथ ही मध्यप्रदेश सरकार अपने सुरक्षा कर्मी भी भेजती है।