01 November, 2024 (Friday)

Diwali 2020: धनतेरस से दिवाली और भाई दूज तक जानें त्योहारों की सही तिथि और पूजा मुहूर्त

Diwali 2020: दिवाली का त्यौहार हिंदू धर्म में बेहद खास है। यह हिंदू धर्मों के प्रमुख त्यौहारों में से एक है। इस वर्ष दीपावली 14 नवंबर को पड़ रही है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, दिवाली के दिन ही श्री राम ने लंकापति रावण का वध कर अयोध्या वापस आए थे। इस खुशी में ही दिवाली मनाई जाती है। उनकी वापसी पर अयोध्या ने दीप प्रज्ज्वलित किए गए थे और उनका शानदार स्वागत किया गया था। इस दिन देवी लक्ष्मी और कुबेर पूजा की जाती है। आइए जानते हैं दिवाली सप्ताह की महत्वपूर्ण तिथियां, पूजा का समय, शुभ मुहूर्त और दिवाली सप्ताह के बारे में।

आइए जानते हैं धनतेरस से भाई दूज तक के शुभ मुहूर्त-

धनतेरस:

धनवंतरी को दिवाली से एक दिन पहले मनाया जाता है। यह त्यौहार इस वर्ष 13 नवंबर को मनाया जाएगा। धनतेरस का मुहूर्त शाम 5 बजकर 34 मिनट से लेकर शाम 6 बजकर 1 मिनट तक है। इस दिन प्रदोष काल शाम 5 बजकर 28 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 7 मिनट तक है। वृषभ काल मुहूर्त शाम 5 बजकर 34 मिनट से लेकर शाम 7 बजकर 29 मिनट तक है।

छोटी दिवाली:

नरक चतुर्दशी यानी छोटी दिवाली, मुख्य त्यौहार से एक दिन पहले मनाई जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक महीने की चतुर्दशी तिथि पर छोटी दिवाली मनाई जाती है। इस दिन को नरक चौदस या रूप चौदस भी कहा जाता है। यह त्यौहार 14 नवंबर को मनाया जाएगा। इस दिन अभयदान (दीवाली स्नान अनुष्ठान) का शुभ समय सुबह 5:23 से शुरू होकर 6:43 बजे तक का है।

दिवाली:

यह त्यौहार भी इस वर्ष 14 नवंबर को मनाया जाएगा। दिवाली के शुभ मुहूर्त की बात करें तो लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त शाम 5 बजकर 30 मिनट से लेकर शाम 7 बजकर 25 मिनट तक का है। प्रदोष काल मुहूर्त शाम 5 बजकर 27 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 6 मिनट तक रहेगा। वृषभ काल मुहूर्त शाम 5 बजकर 30 मिनट से लेकर शाम 7 बजकर 25 मिनट तक है।

गोवर्धन पूजा:

गोवर्धन पूजा अमावस्या को की जाती है। इस वर्ष गोवर्धन पूजान 15 नवंबर को की जाएगी। इस दिन भगवान कृष्ण ने अपनी छोटी उंगली पर गोवर्धन पर्वत उठाकर भगवान इंद्र को हराया था। हिंदू धर्म में गोवर्धन पूजा का विशेष महत्व है। गोवर्धन पूजा का सायंकाल मुहूर्त दोपहर 3 बजकर 18 मिनट से लेकर 15:18:37 से शाम 5 बजकर 27 मिनट तक है।

भाई दूज:

भाई दूज या भैया दूज को भाई टीका, यम द्वितीया, भ्रातृ द्वितीया आदि भी कहा जाता है। इसे कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। इस पर्व के शुभ मुहूर्त की बात करें तो भाई दूज के तिलक का समय दोपहर 1 बजकर 10 मिनट से लेकर दोपहर 3 बजकर 18 मिनट तक रहेगा।

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