23 November, 2024 (Saturday)

चीन की चौखट पर इमरान की ना-पाक, विंटर ओलिंपिक में शामिल होने गए पाक ने क्‍यों लगाई कश्मीर पर गुहार?

चीन की राजधानी बीजिंग में एक बार फ‍िर पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कश्‍मीर का राग अलापा है। कश्‍मीर मसले पर कई बार मुंह की खाने के बाद भी वह अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। शीतकालीन ओलिंपिक खेलों में पहुंचे इमरान खान ने कश्‍मीर मामले को उठाकर अपनी कथनी और करनी में एक बार फ‍िर भेद किया है। इमरान खान ने बीजिंग में हो रहे ओलिंपिक खेलों में कश्‍मीर का मुद्दा क्‍यों उठाया। इसके क्‍या बड़े निहितार्थ हैं। आइए जानते हैं एक्‍सपर्ट की जुबानी।

1- प्रो. हर्ष वी पंत का कहना है कि पाकिस्‍तान एक सोची समझी रणनीति के तहत यह हरकत करता है। ऐसा करके वह अपनी आतंकवादी हरकतों को दुनिया से छिपाने की काशिश करता है। ऐसा करके वह कश्‍मीर में होने वाली आतंकवादी वारदात को एक अलगाववादी घटना करार देना चाहता है। यही कारण है कि वह किसी भी मंच पर कश्‍मीर का मुद्दा उठाने से बाज नहीं आ रहा है। हालांकि, यहां भी उसे आश्वासन और एक बयान के अलावा कुछ खास हासिल नहीं हुआ।

2- उन्‍होंने कहा कि दरअसल, कश्‍मीर का मुद्दा चीन को भी खूब रास आता है। वह पाकिस्‍तान के जरिए इस काम को अंजाम देता है। चीन कश्‍मीर के जरिए भारत-पाकिस्‍तान के सीमा विवाद को हवा देने की कोशिश करता है। भारत-चीन सीमा विवाद के बाद वह कश्‍मीर मुद्दे को पाकिस्‍तान से उठाकर दुनिया को यह दिखाना चाहता है कि भारत का सीमा विवाद कई देशों से है। इस काम के लिए वह कई बार नेपाल को भी भड़का चुका है। चीन, भारत के पड़ोसी मुल्‍कों को उसके खिलाफ भड़काने की कोशिश में जुटा रहता है।

3- हालांकि, प्रो पंत का मानना है कि कश्‍मीर में पाक प्रायोजित आतंकवाद को अब दुनिया अच्‍छे से जान चुकी है। दुनिया यह भी जान चुकी है कि पाकिस्‍तान अपनी करतूतों को छिपाने के लिए गुलाम कश्‍मीर का सहारा लेता है। इस मामले में पाकिस्‍तान कई बार बेनकाब हो चुका है। अमेरिका समेत तमाम अंतरराष्‍ट्रीय संगठन यह जानते हैं कि पाकिस्‍तान अपने देश में सक्रिय आतंकवादी संगठनों का इस्‍तेमाल भारत के खिलाफ करता है। यही कारण है कि वह लगातार ग्रे लिस्‍ट में शामिल है और प्रतिबंधों का सामना कर रहा है।

चीन में हुई कश्‍मीर पर सियासत

गौरतलब है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान शीतकालीन ओलिंपिक के उद्धाटन में शामिल होने के लिए चार दिन के दौरे पर बीजिंग में थे। अपनी यात्रा के आखिरी दिन उन्होंने राष्ट्रपति शी चिनफ‍िंग से मुलाकात की। इमरान ने इस मुलाकात में चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे में आ रही अड़चनों और चीनी मजदूरों पर बार-बार हो रहे हमलों के बारे में भी बात की। कश्मीर को लेकर चीन की तरफ से कहा गया कि वो किसी भी एकतरफा कार्रवाई का विरोध करता है और कश्मीर मुद्दे को ठीक से और शांति से हल करने का आह्वान करता है। ऐसा करके चीन ने पाकिस्‍तान के साथ कश्‍मीर के मुद्दे को हवा देने की कोशिश की है।

चिनफ‍िंग ने पाक का किया समर्थन

इस बैठक में शी ने कहा कि चीन राष्ट्रीय स्वतंत्रता, संप्रभुता, गरिमा की रक्षा करने और आतंकवाद से लड़ने में पाकिस्तान का समर्थन करता है। चीन सीपीइसी के विकास को आगे बढ़ाने और प्रमुख परियोजनाओं के सुचारु रूप से जारी रखने के लिए पाकिस्तान के साथ हाथ मिलाने को तैयार है। इमरान खान ने चीनी अधिकारियों को कश्मीर की हालिया घटनाओं के बारे में जानकारी दी। इस पर चीन की तरफ से कहा गया कि कश्मीर मुद्दा इतिहास का बचा हुआ विवाद है, जिसे संयुक्त राष्ट्र चार्टर, सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और द्विपक्षीय समझौतों के आधार पर शांति से हल किया जाना चाहिए। चीन किसी भी एकतरफा कार्रवाई का विरोध करता है जिससे हालत और बिगड़ सकते हैं।

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