23 November, 2024 (Saturday)

घर वालों की मर्जी से कर रहे हैं शादी तो जान लें अरेंज मैरिज के फायदे और नुकसान

भारत में शादी को जीवन भर का बंधन माना जाता है। शादी एक नए जीवन और परिवार की शुरुआत होती है। ऐसे में किसी भी इंसान को शादी का फैसला बहुत सोच विचार कर करना चाहिए। शादी के लिए जीवनसाथी जितना जरूरी है, उतना ही शादी का तरीका। शादी भले ही दो लोगों के बीच का रिश्ता है लेकिन जीवन भर साथ रहने के लिए लड़के और लड़की के परिवार, उनकी समाज में स्थिति, पसंद नापसंद, व्यवहार और कई अन्य पहलुओं पर भी गौर किया जाता है। ऐसे में शादी के दो तरीके होते हैं। एक प्रेम विवाह है, जिसमें लड़का और लड़की खुद से अपना जीवनसाथी चुनते हैं। वह तय करते हैं कि उन्हें अपना जीवन किसके साथ बिताना है। इस तरह की शादी में लड़का लड़की एक दूसरे को पहले से जानते और समझते हैं। लेकिन दूसरा तरीका होता है, अरेंज मैरिज यानी ऐसी शादी जिसमें जीवनसाथी आपके माता पिता या परिवार के लोग तलाशते हैं। इस तरह की शादी में अक्सर लोग अपने जीवनसाथी को पहले से नहीं जानते या उन्हें शादी से पहले प्रेम नहीं करते। भारत में विवाह का यह प्राचीन तरीका है, जो आज भी लगभग अधिकतर परिवारों में अपनाया जाता है। अगर आपके लिए भी जीवनसाथी की तलाश माता पिता कर रहे हैं और आप अरेंज मैरिज करने जा रहे हैं तो आपको आपको अरेंज मैरिज के फायदे और नुकसान के बारे में पता होना चाहिए। आइए जानते हैं अरेंज मैरिज के क्या लाभ हैं और क्या नुकसान होते हैं।

अरेंज मैरिज के फायदे

परिवार की जिम्मेदारी

अरेंज मैरिज वर वधु, दोनों पक्ष के परिवार वालों और समाज की रजामंदी से की गई शादी है। ऐसे में अरेंज मैरिज का एक फायदा यह है कि इसे समाज स्वीकार करता है और शादी की पूरी जिम्मेदारी माता पिता की होती है। अगर शादी के बाद किसी तरह की कोई परेशानी होती है तो पूरा परिवार कंधे से कंधा मिलाकर वर या वधु के साथ खड़ा रहता है।

परिवारों का तालमेल

अपने बेटे या बेटी के लिए जीवनसाथी की तलाश स्वयं परिवार के लोग ही करते हैं। उनकी इस शादी में रजामंदी होती है। ऐसे में दोनों परिवारों में बेहतर समझ और बाॅन्डिंग बनती है। लव मैरिज में दोनों परिवारों के बीच तालमेल बिठाना अरेंज मैरिज की तुलना में मुश्किल काम है।

जीवनसाथी तलाशने से छुटकारा

पहले के दौर में लड़का लड़की को शादी से पहले मिलाया नहीं जाता था और न उनकी रजामंदी पूछी जाती थी लेकिन अब समय बदला है। अरेंज मैरिज में भी वर वधु की पसंद पूछी जाती हैं, उन्हें शादी से पहले मिलने का मौका मिलता है। ऐसे में अपने लिए जीवनसाथी तलाशने की फ्रिक आपको नहीं करनी पड़ती। परिवार के लोग आपके लिए जीवनसाथी की तलाश करते हैं और आपको आपकी पसंद नापसंद बतानी होती है।

बच्चों की देखभाल

अरेंज मैरिज में बच्चों की देखभाल घर के बड़े बुजुर्गों की देखरेख में होती है। इस तरह की शादी में बच्चों को अपना दादा दादी का प्यार मिलता है। ऐसे में बच्चे अच्छे वातावरण में बड़े होते हैं और संस्कार मिलते हैं। लव मैरिज में संभावना रहती है कि उन्हें परिवार के बड़ों का साथ न मिले।

अरेंज मैरिज के नुकसान

खर्चीली शादी

इस तरह की शादी में अक्सर परिवार की प्रतिष्ठा को बनाए रखने के लिए माता पिता जरूरत से ज्यादा व्यय कर देते हैं। अरेंज मैरिज में बहुत अधिक खर्च हो जाता है।

दहेज प्रथा

अरेंज मैरिज के साथ एक कुप्रथा भी जुड़ी है। अरेंज मैरिज में दहेज प्रथा का चलन है। ज्यादातर अरेंज मैरिज में लड़की के परिवार से दहेज की मांग की जाती है, जिससे आर्थिक दबाव बढ़ता है। दहेज की मांग के कारण कई लड़कियों की शादी में परेशानी आती है।

परिवार का असर वैवाहिक जीवन पर

अक्सर इस तरह की शादी में दोनों पक्षों के परिवारों के बीच टकराव की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। वहीं विवाहित जोड़े के बीच भी मनमुटाव हो सकता है। ऐसे में इस तरह के मनमुटाव का असर दोनों परिवारों और कपल के वैवाहिक जीवन पर भी पड़ता है।

जीवनसाथी से अंजान

अरेंज मैरिज में भले ही पार्टनर को शादी से पहले देखा हो या बातचीत की हो लेकिन उनके जीवन से जुड़ी अधिकतर बातों से आप अंजान होते हैं। आपको पता नहीं होता कि जीवनसाथी की पसंद नापसंद क्या है। शादी के बाद जीवनसाथी को समझने के लिए आपको कुछ वक्त लगता है। कई बार जीवनसाथी को समझ न पाने के कारण वैवाहिक जीवन में समस्याएं होने लगती हैं।

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