अमेरिका-ब्रिटेन के बाद हांगकांग-वियतनाम में भी कोवैक्सीन को मंजूरी, अब तक 96 देशों से हरी झंडी
कोरोना के खिलाफ भारतीय वैक्सीन का लोहा अब धीरे-धीरे दुनिया के तमाम देश मानने लगे हैं। भारत की पहली स्वदेशी कोरोना वैक्सीन को अब तक दुनिया के 96 देशों से मान्यता मिल चुकी है। इस लिस्ट में सबसे नया नाम है- हांगकांग और वियतनाम। हांगकांग और वियतनाम ने अपने-अपने देशों में कोवैक्सीन को मंजूरी दे दी है। कोवैक्सीन को विश्व स्थास्थ्य संगठन(डब्ल्यूएचओ) ने आपात इस्तेमाल की सूची में शामिल किया है, जिसके बाद से ही भारतीय वैक्सीन को मान्यता देने वाले देशों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। कोवैक्सीन के साथ कोविशील्ड को भी अबतक दुनिया के 96 देश मान्यता दे चुके हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने दी जानकारी
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अब तक आठ कोविड-19 वैक्सीन को मान्यता दी। यह गर्व की बात है कि इसमें दो भारतीय वैक्सीन- कोवैक्सीन और कोविशील्ड भी शामिल हैं। कोवैक्सीन को जहां भारत बायोटेक ने बताया है तो कोविशील्ड का उत्पादन सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने किया है।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि भारत के दोनों टीकों को मान्यता देने वाले देशों में कनाडा, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, यूके, जर्मनी, फ्रांस, रूस, बेल्जियम और स्विट्जरलैंड जैसे देश भी शामिल हें। उन्होंने बताया कि देश में अब तब 109 करोड़ से अधिक लोगों को कोरोना वैक्सीन की दोनों खुराक लगाई जा चुकी हैं।
इन देशों से मिली मान्यता
हांगकांग, वियतनाम, ब्रिटेन, अमेरिका, आयरलैंड, नीदरलैंड, स्पेन, बांग्लादेश, फिनलैंड, माली, घाना, सिएरा लियोन, नाइजीरिया, सर्बिया, पोलैंड, स्लोवाक रिपब्लिक, क्रोएशिया, बुल्गारिया, तुर्की, चेक गणराज्य, स्विट्जरलैंड, स्वीडन, ऑस्ट्रिया, रूस, कुवैत, संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन, कतर आदि देशों ने टीकाकरण प्रमाणपत्रों की परस्पर मान्यता के लिए सहमति व्यक्त की है।
भारत की दोनों वैक्सीन को मिल चुकी है WHO की मंजूरी
कोवैक्सीन ऐसी दूसरी भारतीय वैक्सीन है, जिसे WHO का अप्रूवल मिला है। इससे पहले कोवीशील्ड को WHO का अप्रूवल मिला था। अप्रैल में कोवैक्सिन को बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक ने WHO की एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EOI) को स्वीकार किया था।