सीएम योगी आदित्यनाथ बोले- किसानों की खुशहाली और समृद्धि के लिए कटिबद्ध है केंद्र व प्रदेश सरकार
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर साफ किया कि केंद्र और प्रदेश सरकार किसानों की खुशहाली के लिए कटिबद्ध हैं। छह वर्षों के दौरान जितनी नई योजनाएं चलाकर किसान हित में फैसले लिए गए, उतना 65 सालों में नहीं हुआ। पिपराइच और मुंडेरवा चीनी मिल में सल्फर रहित प्लांट का लोकार्पण करने पिपराइच पहुंचे मुख्यमंत्री ने कहा कि अब इन दोनों मिलों में बनने वाली चीनी अंतरराष्ट्रीय गुणवत्ता वाली होगी। दुनिया भर के होटलों और अस्पतालों में इसकी मांग अभी से शुरू हो गई है। चीनी का निर्यात बढ़ने से गोरखपुर, बस्ती मंडल को दुनिया भर में नई पहचान मिलेगी।
पिपराइच चीनी मिल में 25 करोड़ रुपये की लागत से तैयार प्लांट का लोकार्पण करने के बाद आयोजित सभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्ववर्ती सरकारों पर भी निशाना साधा। सीएम योगी ने कहा कि पिछली सरकारें साजिश के तहत चीनी मिलों को बंद कराती रहीं। पूर्वांचल की 21 चीनी मिलों को बंद करा दिया गया। यही हाल प्रदेश के दूसरे हिस्सों का भी था। चीनी मिलों के बंद होने से किसानों के सामने भुखमरी का संकट आ खड़ा हुआ, वहीं युवाओं पर बेरोजगारी की मार पड़ी। कोरोना जैसी महामारी में भी हमारी सरकार ने प्रदेश भर में 119 चीनी मिलों को संचालित कराने के साथ ही किसानों को एक लाख 12 हजार करोड़ रुपये का रिकार्ड भुगतान किया।
किसानों को गुमराह कर रहा विपक्ष : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हर तरह से हताश-निराश विपक्ष किसानों को गुमराह करने में लगा है वहीं केंद्र और प्रदेश सरकार किसानों का हित साधने में दिन-रात प्रयास कर रही हैं। किसानों को कई तरह की सब्सिडी भी दी जा रही है। मृदा परीक्षण के कई कार्यक्रम शुरू करने के साथ ही न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत दो करोड़ 20 लाख से अधिक किसानों के खाते में पैसे भेजे गए हैं। वहीं विपक्ष, किसानों को भड़काने की राजनीति कर रहा है। किसानों को विपक्ष के इस षडयंत्र से सचेत रहना होगा। पहले जहां किसान को 100 रुपये में से सिर्फ 10 रुपये ही मिलते थे, 90 रुपये बिचौलिए ले लेते थे। हमारी सरकार ने इस प्रथा को ही समाप्त कर दिया। अब पूरी धनराशि सीधे किसान के खाते में जाती है। बिचौलिया प्रथा खत्म होने से विपक्ष बेचैन है।
ल्फर रहित चीनी के फायदे : पिपराइच चीनी मिल को संचालित कर रही इसजेक कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर कृष्ण राय कुमार ने बताया कि गन्ने के रस को साफ कर तैयार की गई चीनी में सल्फर डाईआक्साइड का अंश भी आ जाता है। जो स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक साबित होता है। इस चीनी में कैलोरी की मात्र काफी अधिक और आयरन की मात्रा काफी कम होती है, जो सेहत के लिए नुकसानदायक है। सल्फर युक्त चीनी लिवर को भी नुकसान पहुंचाती है। वहीं सल्फर रहित चीनी के उत्पादन में चूने के साथ सल्फर डाई आक्साइड की जगह सल्फोरिक एसिड या कार्बन डाई आक्साइड का प्रयोग किया जाएगा। सल्फर डाई आक्साइड विदेश से मंगाया जाता है। जिसकी वजह से चीनी उत्पादन का 20 से 30 फीसद खर्च इसी पर आ जाता है और चीनी उत्पादन की लागत बढ़ जाती है। इसकी जगह उपयोग में लाए जाने वाले कार्बन डाई आक्साइड की आपूर्ति शराब बनाने वाली डिस्टिलरियों से आसानी हो जाएगी। इससे उत्पादन लागत में कमी आएगी।