बड़ा सवाल, एसओजी की कस्टडी में बैठे युवक ने कैसे की चेन स्नैचिंग
मुरादाबाद पुलिस की एसओजी टीम एक सराफा कारोबारी को लुटेरा बताकर फंस गई है। पुलिस ने सराफा कारोबारी पर जिस वक्त लूट की वारदात अंजाम देने का आरोप लगाया है, वह घटना के समय एसओजी की कस्टडी में था। इसका प्रमाण उसकी दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज दे रहे हैं। फुटेज मेें कारोबारी को एसओजी ले जाते हुए दिख रही है। ऐसे में सराफा कारोबारी की मां ने एसओजी की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए पूरे प्रकरण की जांच की मांग की है। आरोपों की गंभीरता व ठोस साक्ष्य के मद्देनजर एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने एसओजी के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं।
तत्कालीन सिविल लाइन सीओ कुलदीप सिंह गुनावत ने 21 नवंबर को तीन लुटेरों की गिरफ्तारी का दावा किया। बताया कि एसओजी ने लुटेरों के उस गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जिसने 20 नवंबर की रात महानगर में मानसरोवर कालोनी की रहने वाली मेघा वाष्र्णेय के गले की चेन लूटी थी। इतना ही नहीं पुलिस ने लुटेरों के गिरोह को महानगर में बीते तीन वर्षों से लगातार चेन स्नेचिंग और लूटपाट करने का आरोप भी मढ़ा। लुटेरों के गिरोह में विपिन कुमार उर्फ नेता व अरुण कुमार उर्फ गुंडा के अलावा सराफा कारोबारी सोनू वर्मा निवासी भदौड़ा थाना कटघर का नाम शामिल था। लूटपाट के आरोप में तीनों ही आरोपित जेल भेज दिए गए।
सीसीटीवी कैमरे ने खोली पुलिस की पोल
सराफा कारोबारी सोनू वर्मा की मां अनीता वर्मा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के सामने पेश हुईं। महिला ने सोनू की दुकान में लगी सीसीटीवी की फुटेज एसएसपी को सौंपा। बताया कि 19 नवंबर को एसओजी टीम उसके बेटे को सराफा दुकान से उठा ले गई। इसे सीसीटीवी कैमरा प्रमाणित कर रहा है। पुलिस का दावा है कि 20 नवंबर की रात महानगर में मानसरोवर कालोनी की रहने वाली मेघा वाष्र्णेय के गले से तीनों लुटेरों ने चेन लूट ली। ऐसे में सवाल उठता है कि सोनू यदि 19 नवंबर को ही एसओजी की कस्टडी में था, तो 20 नवंबर की रात लूट की वारदात को उसने कैसे अंजाम दिया। महिला के इस सवाल ने एसएसपी को सोचने पर मजबूर कर दिया। पुलिसिया पर्दाफाश पर उठे गंभीर सवाल के मद्देनजर एसएसपी ने प्रकरण के जांच के आदेश दिए हैं। एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने बताया कि महिला के आरोपों की जांच कराई जा रही है। जांच में यदि पुलिस कर्मी दोषी मिले तो उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी।