US China Tension: अमेरिका ने चीनी नेताओं के लिए सख्त किए वीजा नियम
ट्रंप प्रशासन ने चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं और उनके पारिवारिक सदस्यों के अमेरिका दौरे पर अंकुश लगाने के लिए सख्त नियम जारी किए हैं। इन नए नियमों के चलते वाशिंगटन और बीजिंग के बीच तनाव और बढ़ सकता है। दोनों देशों के बीच कोरोना महामारी, हांगकांग और दक्षिण चीन सागर समेत कई मसलों को लेकर पहले से ही तनातनी चल रही है।ट्रंप प्रशासन की ओर से बुधवार को जारी किए गए इन नियमों को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। अमेरिकी विदेश विभाग के एक प्रवक्ता के अनुसार, नए नियमों के तहत चीनी नेताओं और उनके करीबी पारिवारिक सदस्यों के लिए जारी होने वाले वीजा सिर्फ एक माह के लिए वैध होंगे। यानी वे अब अमेरिका में अधिकतम एक माह तक ही रुक सकेंगे।
ट्रंप प्रशासन के नए नियमों से वाशिंगटन और बीजिंग में बढ़ सकता है और तनाव
पहले चीनी नेता विजिटर वीजा हासिल कर सकते थे, जो दस साल के लिए वैध होते हैं। नए नियमों के अनुसार, अब चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता इस वीजा पर अमेरिका में सिर्फ एक बार प्रवेश कर पाएंगे। पहले कई बार आने की अनुमति थी। हालांकि वे इमीग्रेशन और रोजगार संबंधी दूसरे वीजा हासिल कर सकेंगे। इस तरह के वीजा को पाने की उनकी पात्रता पर नए नियमों का प्रभाव नहीं पड़ेगा।बता दें कि हाल के वर्षो में अमेरिका और चीन के बीच तनाव बढ़ गया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन को कोरोना महामारी के लिए जिम्मेदार ठहराने के साथ ही कहा था कि उसकी लापरवाही से यह वायरस पूरी दुनिया में फैला गया। जबकि चीन हांगकांग में अपनी दमनकारी नीति, विवादित दक्षिण चीन सागर पर अपने दावों और शिनजियांग में मानवाधिकार उल्लंघनों को लेकर भी अमेरिका के निशाने पर है।
एक हजार चीनी शोधकर्ताओं ने छोड़ा : अमेरिका
समाचार एजेंसी रायटर के अनुसार, अमेरिका के एक शीर्ष सुरक्षा अधिकारी ने बुधवार को बताया कि टेक्नोलॉजी चोरी को लेकर चल रही जांच के बीच एक हजार से ज्यादा चीनी शोधकर्ता अमेरिका छोड़कर चले गए। अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा विभाग के प्रमुख जॉन डेमर्स ने एक थिंक टैंक के कार्यक्रम में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि औद्योगिक और टेक्नोलॉजी जासूसी को लेकर चीनी जासूसों के खिलाफ मुहिम छेड़ी गई है।