Kanpur Bikru Case: बिकरू कांड में एसआइटी की सिफारिश पर ED करेगी विकास की 150 करोड़ की संपत्ति की जांच
कानपुर के चौबेपुर के बिकरू कांड की लम्बी जांच में स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम (एसआइटी) की रिपोर्ट पर अब बड़ी कार्रवाई की तैयारी है। गैंगस्टर विकास दुबे की सारी संपत्ति पर सरकार की नजर है। इसके साथ ही उनको प्रत्यक्ष या फिर अप्रत्यक्ष रूप से मदद पहुंचाने वाले 80 अधिकारी तथा कर्मियों पर भी शिकंजा कस गया है।
कानपुर के बिकरू गांव में दो जुलाई की रात दबिश देने गई पुलिस टीम पर हमला करके सीओ सहित आठ की हत्या करने के मुख्य आरोपित विकास दुबे को भले ही एसटीएफ ने दस जुलाई को एनकाउंटर में ढेर कर दिया है, लेकिन उसके काले कारनामे अभी भी सामने आ रहे हैं। कुख्यात गैंगस्टर की सारी संपत्ति की जांच करने की तैयारी है। विकास दुबे के मुठभेड़ में मारे जाने के बाद 11 जुलाई को एसआईटी का गठन किया गया था। इसके बाद एसआइटी ने 12 जुलाई से अपना काम शुरू कर दिया था। बिकरू कांड की जांच अपर मुख्य सचिव संजय आर भूसरेड्डी के नेतृत्व में तीन सदस्यीय दल ने 12 जुलाई को शुरू करने के बाद बीती 20 अक्टूबर को सरकार को विस्तृत रिपोर्ट सौंप दी है। एसआइटी की रिपोर्ट पर कानपुर के तत्कालीन एसएसपी रहे अनंतदेव तिवारी के निलंबन के साथ ही बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों पर भी शिकंजा कसा गया है। इसके साथ ही विकास दुबे की पत्नी रिचा दुबे, उसके भाई तथा पिता के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है।
एसआइटी की सिफारिश पर अब ईडी गैंगेस्टर विकास दुबे की 150 करोड़ की संपत्ति की जांच करेगी। इसके साथ ही अभी 80 अधिकारियों पर एक्शन भी होना है। विकास दुबे की करीब 150 करोड़ रुपये की संपत्ति की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जांच की करेगी। एसआईटी ने गैंगस्टर के अवैध तरीके से हासिल की गई 150 करोड़ रुपये की संपत्ति की प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गहराई से जांच कराने की सिफारिश की है। एसआईटी ने अपनी जांच रिपोर्ट में यह भी कहा है कि दुबे और उसके गैंग की मदद करने वाले सभी अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई की जानी चाहिए।
तीन सदस्यीय एसआईटी की जांच रिपोर्ट में 80 से अधिक पुलिस, प्रशासनिक अधिकारियों और कॢमयों को दोषी पाया गया है। जांच रिपोर्ट के करीब 700 पन्ने मुख्य हैं, जिनमें दोषी पाए गए अधिकारियों व कॢमयों की भूमिका के अलावा करीब 36 के खिलाफ संस्तुतियां शामिल हैं। इस रिपोर्ट को एसआइटी ने सौ से अधिक लोगों की गवाही पर तैयार किया है। एसआईटी ने मुख्य रूप से नौ बिंदुओं पर जांच को आधार बनाकर रिपोर्ट तैयार की है। एसआईटी को 31 जुलाई को जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपनी थी, लेकिन गवाहियों का आधार बढऩे के कारण यह 20 अक्टूबर को पूरी की जा सकी।