जेल से नहीं चलेगी दिल्ली सरकार…आखिर LG के ऐलान से कैसे बढ़ेगी AAP की परेशानी
नई दिल्ली. देश की राजधानी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत की अवधि 1 जून को समाप्त हो रही है. सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्रायल कोर्ट में अंतरिम और नियमित जमानत के लिए अर्जी साथ में दाखिल की है. इस बीच, एक बार फिर से जेल से दिल्ली सरकार चलने की बात होने लगी है. अब दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) वीके सक्सेना ने स्पष्ट कर दिया है कि दिल्ली की सरकार जेल से नहीं चलेगी. दिलचस्प है कि सीएम अरविंद केजरीवाल अंतरिम जमानत पर जेल से बाहर हैं, लेकिन वह न तो सचिवालय जा सकते हैं और न ही सरकारी फाइलों पर दस्तखत कर सकते हैं. बता दें कि अरविंद केजरीवाल को 2 जून 2024 को तिहाड़ जेल प्रशासन के समक्ष समर्पण करेंगे.
दरअसल, आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा न देने पर अड़े हैं. वह तिहाड़ जेल से ही सरकार चलाने पर आमादा हैं. अब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इस्तीफा नहीं देने और तिहाड़ से ही सरकार चलाने के बयान पर एलजी वीके सक्सेना ने बड़ी बात कही है. उन्होंने एक बार फिर से स्पष्ट किया कि दिल्ली की सरकार जेल से नहीं चलेगी. उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली का कोई कामकाज नहीं रुकने दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि अगर दिल्ली में संवैधानिक संकट उत्पन्न होने जैसी स्थिति बनती है तो भी निश्चित तौर पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
गिनाईं अपनी उपलब्ध्यिां
26 मई 2022 को दिल्ली के उपराज्यपाल का पदभार संभालने वाले सक्सेना ने कहा कि अभी तक का उनका कार्यकाल खासा चुनौतीपूर्ण रहा है, लेकिन फिर भी उन्होंने बेहतर करने का प्रयास किया. एलजी ने यह भी कहा कि अगले दो साल में उनकी कोशिश दिल्ली का कायाकल्प करने की रहेगी. उन्होंने बताया कि आयुष्मान भारत योजना भी यहां जल्द ही लागू की जाएगी. राजनिवास अधिकारियों ने बताया कि एलजी सक्सेना के दो साल के कार्यकाल में जी-20 के दौरान दिल्ली को काफी संवारा गया. यहां की सड़कों को 100 से ज्यादा मनमोहक मूर्तियों और कलाकृतियों से सजाया गया, 5000 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए.
केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं
सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री ने अरविंद केजरीवाल के अंतरिम जमानत बढ़ाने की मांग वाली याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने की मांग को खारिज कर दिया. रजिस्ट्री ने सुप्रीम कोर्ट के पिछले आदेश का हवाला दिया, जिसमें उनकी अंतरिम जमानत को 1 जून तक के लिए सीमित कर दिया गया है. साथ ही उन्हें नियमित जमानत के लिए निचली अदालत जाने की स्वतंत्रता दी थी. अर्जी स्वीकार करने से इनकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चूंकि गिरफ्तारी को चुनौती देने पर फैसला पहले ही सुरक्षित रखा जा चुका है, इसलिए अंतरिम जमानत बढ़ाने की केजरीवाल की याचिका का मुख्य याचिका से कोई संबंध नहीं है.