जब SS Raramouli ने शूटिंग के लिए पकड़ी 10 साल बाद खुलासा
नई दिल्लीः एसए राजामौली ने अब तक अपने करियर में जितनी भी फिल्में दी हैं, वो सभी ब्लॉकबस्टर ही निकलीं और इन फिल्मों में उनका योगदान साउथ के फेमस सिनेमैटोग्राफर केके सेंथिल कुमार (Senthil Kumar) ने दिया है. दोनों ने मगधीरा, बाहुबली: द बिगिनिंग, बाहुबली 2: द कन्क्लूजन जैसी बड़े बजट की फिल्में शूट साथ ही है, लेकिन सेंथिल अपने करियर की सबसे चुनौतीपूर्ण फिल्म 2012 में आई ईगा को मानते हैं. मालूम हो कि सेंथिल कुमार ने पिछले दो दशकों में कई फिल्मों में राजामौली के साथ सहयोग किया है और उन्होंने हाल ही में ईगा की शूटिंग के दौरान से एक मजेदार किस्सा शेयर किया है.
RRR से ज्यादा चुनौतीपूर्ण थी राजामौली की मक्खी फिल्म
सिनेमैटोग्राफर सेंथिल ने खुलासा किया है कि कैसे ईगा में लीड रोल में एक मक्खी थी और इसमें उन्होंने एक छायाकार के रूप में चुनौती दी. फिल्म में नानी, किच्चा सुदीप और सामंथा रुथ प्रभु प्रमुख भूमिकाओं में हैं लेकिन कहानी एक मक्खी के इर्द- गिर्द घूमती है. सेंथिल ने कहा, ‘यह सबसे चुनौतीपूर्ण फिल्म थी और मैं कहूंगा कि आरआरआर से कहीं अधिक चुनौतीपूर्ण ये मूवी रही. हमारे पास कोई रेफरेंस प्वाइंट नहीं था. हमने किसी को ऐसा करते नहीं देखा था. लोग इस एनीमेशन जैसा कुछ करने के सबसे करीब आ सकते हैं. मैंने प्रेरणा के लिए ए बग्स लाइफ देखी लेकिन वास्तविक जीवन में ऐसा कुछ नहीं किया था. फिल्म का हीरो बनाना, जो एक मक्खी थी, सबसे बड़ी चुनौती थी.’
हीरो की मौत का बदला लेती है मक्खी
फिल्म में नानी को सुदीप के कैरेक्टर द्वारा मार दिया जाता है, जो मक्खी के रूप में पुनर्जन्म लेने के बाद उसकी मौत का बदला लेता है. सेंथिल कुमार ने खुलासा किया कि मक्खी को बनाने और शूट करने के लिए बहुत अधिक अवलोकन (observation), अध्ययन और मैक्रो फोटोग्राफी की आवश्यकता होती है. उन्होंने बताया, ‘हमने बहुत सारी मक्खियां पकड़ीं और उनका अध्ययन किया. हमने जारी किया कि एक या दो मिनट के लिए ठंडे तापमान के संपर्क में आने पर वे बेहोश हो जाते हैं और फिर होश में आते हैं और उड़ जाते हैं. हमने उन्हें मैक्रो फोटोग्राफी के तहत देखा, वे वास्तव में बदसूरत और अलग- अलग तरह की दिखीं. उनका अध्ययन करने के बाद, हमने कई कलाकारों के साथ काम किया और एक कस्टम-मेड फ्लाई मक्खी बनाई और इस तरह हमें अपना हीरो मिला.’
मक्खियों पर हुआ था बड़ा रिसर्च
Rediff.com के साथ पहले के एक इंटरव्यू में, सिनेमैटोग्राफी ने खुलासा किया कि टीम ने फिल्म के ‘स्टार’ पर बड़े पैमाने पर रिसर्च किया था. सुनने में यह अजीब लग सकता है लेकिन हाउसफ्लाई का एक फोटो सेशन किया गया था. हमने एक मक्खी को थोड़ा बेहोश किया और बेहद करीब से उसकी तस्वीरें खींचीं. शूटिंग से पहले कंप्यूटर ग्राफिक्स वालों द्वारा प्री-विज़ुअलाइजेशन किया गया था. यह मेरे द्वारा शूट की गई सबसे कठिन फिल्मों में से एक थी. जब मैंने यामाडोंगा को शूट किया तो राजामौली ने मुझे धक्का दे दिया. फिर अरुंधति और बाद में मगधीरा आईं. मैंने सोचा, ‘और क्या?’ और ईगा मुझे पूरी तरह से अगले स्तर पर ले गया.’ बता दें कि इस फिल्म ने एक नहीं बल्कि 2-2 नेशनल अवॉर्ड जीते थे और इसे 30 करोड़ की लागत से बनाया गया था, जबकि इसने 135 करोड़ का कलेक्शन किया था.
ईगा के सीक्वल पर हो रहा विचार
और फिर ईगा की सफलता ने सीक्वल की संभावना खोल दी. पिंकविला को दिए एक इंटरव्यू में नानी ने ईगा 2 के बारे में बात की और कहा, ‘इसके सीक्वल की जरूरत है और ईगा एक नोट के साथ समाप्त होता है, ‘मैं वापस आऊंगा.’ मैं राजामौली सर से कहता रहता हूं, ‘यदि आप ईगा 2 की घोषणा करते हैं, तो यह अब तक का सबसे बड़ा प्रचार होगा’ क्योंकि वो फिल्म 10 साल पहले थी और वास्तव में इसका शुरुआती बिंदु था. आज क्या हो रहा है और यह राष्ट्रीय स्तर पर छाप छोड़ने वाली पहली फिल्म थी. उन्होंने इसे ऐसे समय में बनाया जब हमारे पास सीजी (एसआईसी) का अच्छा आधार भी नहीं था.