23 November, 2024 (Saturday)

ना पासपोर्ट ना वीजा… मोदी सरकार ने CAA वाली नागरिकता के लिए क्या-क्या छूट दे दी?

नागरिकता संशोधन कानून यानी CAA देश भर में लागू हो गया है. इससे पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को भारत की नागरिकता दी जाएगी. प्रक्रिया को आसान बनाया गया है. CAA के लिए पासपोर्ट या वीजा ना होने पर भी आवेदन (no passport no visa for CAA) किया जा सकता है.

31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आने वाले हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी या ईसाई लोगों को इन देशों का वैध पासपोर्ट या वीजा दिखाने की आवश्यकता नहीं है. नागरिकता संशोधन कानून के अनुसार, ऐसे किसी भी दस्तावेज से काम हो जाएगा जिससे माता-पिता, दादा-दादी या परदादा-परदादी में से किसी एक के भारतीय होने का सबूत मिले. वीजा की जगह उस सर्टिफिकेट से भी काम हो जाएगा जो स्थानीय निकाय के निर्वाचित सदस्य ने जारी किया हो. ऐसे दस्तावेज अपनी वैध अवधि के बाद भी CAA के लिए मान्य होंगे.

इससे पहले कुछ अन्य दस्तावेजों के साथ वीजा भी दिखाना अनिवार्य होता था.

CAA के लिए कौन से सबूत चाहिए?

नियमों के अनुसार, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के पासपोर्ट और भारत की ओर से जारी आवासीय परमिट की जगह अन्य दस्तावेजों से भी काम हो जाएगा. जैसे- जन्म या स्कूल-कॉलेज से जारी प्रमाण पत्र, किसी भी प्रकार का पहचान पत्र, कोई लाइसेंस या सर्टिफिकेट, इन देशों द्वारा जारी जमीन या रेंट से जुड़ा दस्तावेज. इसके अलावा कोई भी ऐसा दस्तावेज जो आवेदक को इन देशों का नागरिक साबित करने के लिए पर्याप्त हो.

ऐसे 20 दस्तावेज हैं जिनमें किसी एक के आधार पर नागरिकता दी सकती है. ये 20 दस्तावेज हैं-

  1. वैध वीजा
  2. फॉरेनर्स रीजनल रजिस्ट्रेशन ऑफिस (FRRO) से जारी आवासीय परमिट
  3. भारत में की गई जनगणना की पर्ची
  4. ड्राइविंग लाइसेंस
  5. आधार कार्ड
  6. राशन कार्ड
  7. सरकार या कोर्ट की कोई चिट्ठी
  8. भारतीय जन्म प्रमाण पत्र
  9. जमीन या किरायेदारी से जुड़े कागजात
  10. रजिस्टर्ड रेंट एग्रीमेंट
  11. पैन कार्ड
  12. केंद्र, राज्य, PSU या बैंक के द्वारा जारी दस्तावेज
  13. ग्रामीण या शहरी निकाय के निर्वाचित सदस्य या उसके अधिकारी या राजस्व अधिकारी द्वारा जारी प्रमाण पत्र
  14. पोस्ट ऑफिस अकाउंट
  15. उपयोगिता बिल
  16. कोर्ट या न्यायाधिकरण रिकॉर्ड
  17. कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) दस्तावेज
  18. स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट
  19. नगर पालिका ट्रेड लाइसेंस
  20. मैरिज सर्टिफिकेट

इससे पहले 2019 में CAA का बड़े पैमाने पर विरोध किया गया था. 11 मार्च को गृह मंत्रालय का नोटिफिकेशन आया. इंडियन एक्सप्रेस से जुड़े दीप्तिमान तिवारी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कई ऐसे राज्य जहां विपक्षी पार्टी की सरकार है, वो CAA को लागू नहीं करेंगे. ऐसे में अब प्रक्रिया में इस तरह का बदलाव किया गया है जिससे नागरिकता देने में राज्यों की भागीदारी बहुत कम हो.

इस कानून में कहा गया है कि भारत में प्रवेश करने वाले इन समुदायों के लोगों को इन देशों में धार्मिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ा. इसलिए इन तीन देशों से कानूनी या अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने वाले लोगों को भारतीय नागरिकता दी जाएगी.

 

 

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *