Diabetes Diet:शुगर की वजह से डाइट लेने में परहेज करते हैं तो कलौंजी के साथ करें अपनी पसंद की डाइट का सेवन
शुगर लाइफस्टाइल से पनपने वाली एक ऐसी बीमारी है, जिसे समय पर कंट्रोल नहीं किया जाए तो ये कई बीमारियों का सबब बन सकती है। डाइट में प्रोसेस्ड और जंक फूड से भरपूर अधिक कैलारी वाला भोजन, मोटापा और व्यायाम की कमी आपको डाइबिटीज का रोगी बना सकती हैं। शुगर कंट्रोल करने का सबसे बेस्ट तरीका है डाइबिटीज डाइट। वैसे तो शुगर के मरीज बहुत सोच समझ कर डाइट का सेवन करते हैं। तेल घी और मक्खन से परहेज करते हैं ताकि ब्लड में शुगर का स्तर नियंत्रित रहे। लेकिन आप जानते हैं कलौंजी एक ऐसा मसाला है जिसका सेवन करके आप अपनी पसंद की डाइट लेकर भी शुगर को कंट्रोल कर सकते हैं।
घी या मक्खन के साथ गर्म और खस्ता परांठा किसे खाना पसंद नहीं है। लेकिन शुगर के मरीज इस परांठे से परहेज करते है। क्योंकि उसके सेवन से शुगर का स्तर बढ़ने का खतरा रहता है। आप जानते हैं कि शुगर के पेशंट अगर परांठे के साथ कलौंजी का इस्तेमाल करें तो उनका ब्लड शुगर नियंत्रित रह सकता है।
कलौंजी किचन में इस्तेमाल होने वाला जरूरी मसाला है जिसका इस्तेमाल भारतीय खानों जैसे दाल और कड़ी में किया जाता है। इसके इस्तेमाल से शुगर के मरीजों का ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल रहता है।
कलौंजी में आयरन, सोडियम, कैल्शियम, पोटैशियम और फाइबर भरपूर मात्रा में मौजूद रहता है जो शुगर और कई बीमारियों के उपचार में सहायक है। कलौंजी में मौजूद गुणों की वजह से इसका इस्तेमाल सदियों से दवाईयों में किया जा रहा है। कलौंजी के बीजों को सुबह खाली पेट गुनगुने पानी के साथ खाएं तो डायबिटीज और एसिडिटी से राहत मिल सकती है।
हेल्थ एक्सपर्ट की माने तो आप कलौंजी का इस्तेमाल करके अपनी पसंद के खानों का सेवन कर सकते हैं। आप दिन की शुरूआत मेथी के पानी से करें साथ ही हाई फाइबर और हाई प्रोटीन की चीजों का सेवन करें। नाश्ते में आलू का परांठे आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक है, लेकिन आप आलू के परांठे की जगह कलौंजी के बीज का परांठा नाश्ते में खा सकते हैं।
कलौंजी ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में सहायक होता है। वहीं कलौंजी का तेल अधिक असरदायक होता है। इसमें एंटिऑक्सीडेंट होते हैं जो टाइप 2 डायबिटीज में फायदेमंद होते हैं। कई शोध के मुताबिक डायबिटीज के रोगी खाने में कलौंजी का इस्तेमाल करें तो ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल रहता है।