25 November, 2024 (Monday)

अब विदेशों में भी चलेगा यूपीआई का सिक्का, जानें UPI-PayNow का कैसे करें इस्तेमाल?

How to Use UPI-PayNow: भारत के पेमेंट इकोसिस्टम की दुनिया फैन हो गई है। आज उसका उदाहरण भी देखने को मिला। पीएम मोदी और सिंगापुर के पीएम ली सीन लूंग ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दोनों देशों के ऑनलाइन पेमेंट सिस्टम यूपीआई और पेनाउ को लिंक किया, जिसका नाम UPI-PayNow रखा गया। अब भारतीय सिंगापुर में भी यूपीआई के जरिए आसानी से ट्रांजैक्शन कर सकेंगे। केंद्र सरकार देश के पेमेंट इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए काफी तेज गति से काम कर रही है। सरकार की प्लानिंग इसे अन्य देशों में भी लागू करने की है। यह सुविधा भारत में इस्तेमाल हो रहे गूगल पे, फोन पे, पेटीएम और बाकि के डिजिटल पेमेंट्स ऐप में आसानी से काम करेगी। बस उसके लिए कुछ जरूरी स्टेप फॉल करने होंगे। आज की स्टोरी में हम उसी प्रोसेस के बारे में जानेंगे। उससे पहले ये जान लेते हैं कि यूपीआई और पे नाउ क्या हैं?

यूपीआई और PayNow में कितना अंतर?

UPI या यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस एक इंस्टेंट पेमेंट सर्विस है, जो मोबाइल नंबर के माध्यम से चंद सेकेंड में एक अकाउंट से दूसरे अकाउंट में पेमेंट ट्रांसफर कर देता है। यह भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) द्वारा विकसित किया गया था, जो वर्चुअल पेमेंट एड्रेस (VPA) के निर्माण के माध्यम से बैंक खाता विवरण शेयर करने के जोखिम को समाप्त करता है। यह पर्सन-टू-पर्सन (P2P) और पर्सन-टू-मर्चेंट (P2M) भुगतान दोनों को सपोर्ट करता है। UPI की तरह ही सिंगापुर में PayNow की सर्विस है। यूजर्स मोबाइल नंबर के साथ एक बैंक या ई-वॉलेट खाते से दूसरे खाते में रकम भेजते और प्राप्त करते हैं। यह पीयर-टू-पीयर भुगतान लिंकेज देश में भाग लेने वाले बैंकों और गैर-बैंक वित्तीय संस्थानों (एनएफआई) के माध्यम से काम करता है।

UPI-PayNow के बीच लिंकेज कैसे करेगा काम?

  1. यह मोबाइल नंबर के जरिए ही पेमेंट एक अकाउंट से दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर करेगा, जो भारत से सिंगापुर के बीच होगा।
  2. दोनों देशों के लोग क्यूआर-कोड आधारित या केवल बैंक खाते से जुड़े मोबाइल नंबर को दर्ज करके रियल टाइम में पेमेंट भेज सकेंगे।
  3. इसके लिए आपको किसी खास ऑप्शन को इनेबल नहीं करना होगा। अगर आपके पास पेनाउ के किसी यूजर का क्यूआर कोड या नंबर है तो आप पेमेंट भेज सकेंगे।

सिंगापुर भारत के लिए दुनिया के टॉप-4 मार्केट में से एक है, जहां ढ़ेर सारे भारतीय रहते हैं। आरबीआई ने कहा कि भारत और सिंगापुर के बीच सीमा पार भुगतान के लिए नेक्स्ट जेन के बुनियादी ढांचे के विकास में लिंकेज एक मील का पत्थर साबित होगा। यह तेजी से सस्ता और अधिक पारदर्शी सीमा पार भुगतान चलाने की जी20 की वित्तीय समावेशन प्राथमिकताओं को फॉलो करेगा।

 

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