21 November, 2024 (Thursday)

सैनिक स्कूल में सीएम योगी ने कहा-परीक्षाओं को एक रूटीन वर्क के रूप में लें

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को सरोजनीनगर स्थित सैनिक स्कूल में परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने निपुण भारत मिशन के तहत विद्या समीक्षा केंद्र का उद्घाटन किया। साथ ही हाईस्कूल व इंटर में सर्वोच्च अंक पाने वाले 1698 मेधावियों का सम्मान और टैबलेट वितरण किया। उन्होंने पीएम द्वारा लिखी तनावमुक्त परीक्षा के लिए एग्जाम वॅरियर्स किताब भी विद्यार्थियों को वितरित की।

उन्होंने कहा कि पीएम ने तनावमुक्त परीक्षा के लिए एग्जाम वॅरियर्स पुस्तक लिखी और वे विद्यार्थियों से परीक्षा पर चर्चा कर रहे हैं। क्योंकि अभिभावकों, स्कूलों, प्रबंधकों के दबाव में बच्चे तनाव में आ जाते हैं। बच्चे तनाव में आकर परीक्षाओं में हतोत्साहित हो जाते हैं। विद्यार्थियों को परीक्षाओं को एक रूटीन वर्क के रूप में लेना चाहिए। तनाव मुक्त वातावरण में परीक्षा देने के लिए तैयार हों। यहां पर 1698 छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया गया और टैबलेट-स्मार्ट फोन दिए गए।

इसमें 873 छात्राएं, 825 बालक हैं। यह संख्या बताती है कि बालिकाओं के मन में रचनात्मकता और कुछ कर गुजनरने की भावना। यूपी, सीबीएसई, आईसीएसई बोर्ड में यह देखने को मिला है कि बालिकाएं हमेशा आगे हैं। अभिभावक बालिकाओं पर उतना ध्यान नहीं देते हैं। हम प्रयास करते हैं कि उनके साथ भेदभाव न हो। स्नातक तक नि:शुल्क शिक्षा की व्यवस्था है। बालिका के जन्म से लेकर उसके अपने पैर पर खड़े होने तक कन्या सुमंगला योजना से लाभ। सरकार प्रत्येक विद्यार्थी को निपुण विद्यार्थी बनाने की ओर अग्रसर है।

सीएम ने कहा कि देश के पहले सैनिक स्कूल में एकत्र होकर आप सभी पीएम की परीक्षा पर चर्चा में शामिल हो रहे हैं। यह सैनिक स्कूल 1960 में तत्कालीन सीएम डॉ. संपूर्णानंद जी ने स्थापित किया था। देश का पहला सैनिक स्कूल था। यूपी में वर्तमान में पांच सैनिक स्कूल अगले साल तक शुरू हो जाएंगे। यहां बालिकाओं को भी प्रवेश मिलता है। इस अवसर पर माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गुलाब देवी, बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह उपस्थित थे।

सैनिक स्कूल टेबलेट वितरण व मेधावी सम्मान कार्यक्रम में सीएम योगी आदित्यनाथ ने सीएमएस स्कूल के संस्थापक जगदीश गांधी पर तंज कसते हुए कहा कि जब जगदीश गांधी जैसे संस्थापक होंगे तो बच्चों पर पढ़ाई का दबाव तो बढ़ेगा ही जिससे वो अवसाद में चले जाते हैं। तनाव में कभी भी पढ़ाई नहीं करनी चाहिए। 

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