23 November, 2024 (Saturday)

रूस ने यूक्रेन के इन शहरों पर भी कर लिया कब्जा, क्या वाकई होने वाली है जेलेंस्की की हार?

 युद्ध में बेहद आक्रामक दिख रहे रूस ने यूक्रेन के दो और शहरों पर कब्जा कर लेने का दावा किया है। रूसी राष्ट्रपति पुतिन की सेना तेजी से यूक्रेन के दूसरे क्षेत्रों की ओर भी बढ़ रही है। विभिन्न मोर्चों पर डटे यूक्रेनी सैनिकों को मैदान छोड़कर पीछे हटना पड़ रहा है। सोलेडार पर कब्जा करने और जापोरिज्जिया के अधिकांश क्षेत्रों पर दोबारा नियंत्रण स्थापित करने के बाद अब रूसी सेना तेजी से इसके दो अन्य शहरों की ओर बढ़ रही है। रूसी राज्य मीडिया ने बताया है कि मास्को की सेना यूक्रेन के दक्षिणी ज़ापोरीज़िया क्षेत्र में दो शहरों की ओर बढ़ रही है, जहां कई महीनों के स्थिर मोर्चे के बाद इस सप्ताह लड़ाई तेज हो गई है। ऐसे में क्या हाल ही में पुतिन की ओर से यूक्रेन को हराने और रूस की जीत का दावा सच होने वाला है?

यूक्रेन के इस क्षेत्र में तैनात एक रूसी अधिकारी व्लादिमीर रोगोव ने अंतरराष्ट्रीय मीडिया को कहा कि जापोरिज्जिया के दो शहरों ओरिखिव और हुलियापोल में रूस आक्रामक कार्रवाई कर रहा है और जल्द ही नियंत्रण स्थापित करने वाला है। रूस ने यूक्रेन के लेझिनो गांव को भी कब्जे में ले लिया है। रोगोव ने बताया कि दक्षिणी यूक्रेन की क्षेत्रीय राजधानी जापोरिज्जिया से करीब 50 किमी दूर ओरिखिव और हुलियापोल में रूसी सेना ने लगभग नियंत्रण पा लिया है। हालांकि अभी भी इन क्षेत्रों में तेज लड़ाई जारी है।

रूस ने कहा हमारे कब्जे में है क्षेत्र

रूसी सेना ने लगातार दूसरे दिन दावा किया कि उसने ज़ापोरिज़िया क्षेत्र में “आक्रामक संचालन” के बाद “सबसे महत्वपूर्ण दिशाओं और स्थानों को हासिल कर लिया है। क्षेत्रीय राजधानी ज़ापोरिज़्ज़िया के बाहर लेझिनो गांव में यूक्रेनी सेना पर हमला भी किया गया है। अब यह क्षेत्र भी यूक्रेन के हाथ से बाहर हो गया है। वहीं यूक्रेनी सेना ने जापोरिज्जिया क्षेत्र में रूसी तोपों द्वारा फायरिंग से 15 बस्तियों को भारी नुकसान पहुंचने की जानकारी दी है। रोगोव का दावा है कि ओरिखिव में नीपर नदी के पास लोबकोव गांव पर भी रूस ने कब्जा हासिल कर लिया है। इसके बाद यहां स्थानीय आक्रमण को और तेज कर दिया है। अब यूक्रेन के दक्षिणी क्षेत्रों में भीषण लड़ाई करते हुए रूसी सेना आगे बढ़ रही है।  हफ्ते की शुरुआत में, रोगोव ने ओरिखिव के आसपास एक “स्थानीय आक्रमण” की घोषणा की और कहा कि रूसी सेना ने नीपर नदी के पास लोबकोव गांव पर नियंत्रण कर लिया है।

खेरसॉन पर फिर रूस की नजर
खेरसॉन से नवंबर में पीछे हट चुकी रूस की सेना की नजर फिर से इस क्षेत्र पर टिक गई है। रूस का दावा है कि वह दोनेस्क, लुहांस्क, खोरसोन और जापोरिज्जिया को अब पूरी तरह अपने नियंत्रण में ले लेगा। अभी कुछ दिन पहले ही पुतिन ने यूक्रेन पर रूस के जीत की भविष्यवाणी की थी। इसके बाद से ही रूसी सेना ने यूक्रेन के शहरों पर हमला तेज कर दिया है। गत तीन हफ्ते में यूक्रेन में कई बड़े और खतरनाक मिसाइल हमले हुए हैं, जिसमें यूक्रेन के दर्जनों आम नागरिकों को भी जान गंवानी पड़ी है। साथ ही सैकड़ों यूक्रेनी सैनिक भी मारे गए हैं। इधर अब यूक्रेन टैंकों और हथियारों की कमी से जूझ रहा है। हाल ही में रूस ने पश्चिमी देशों को चेताया भी है कि यदि वह यूक्रेन को शक्तिशाली हथियार देते हैं तो खैर नहीं होगी, उनका यह प्रयास वैश्विक त्रासदी का बड़ा कारण बन सकता है। इसके बाद से पश्चिमी देश यूक्रेन की मदद करने में फूंक-फूंक कर कदम आगे बढ़ा रहे हैं।

यूक्रेन को हथियार दिया तो होगी वैश्विक तबाही
रूस की संसद के निचले सदन के स्पीकर व्याचेस्लाव वोलोडिन ने चेतावनी दी कि यदि यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति करने का फैसला कोई देश करता है तो उन देशों के इस फैसले से “वैश्विक तबाही” तय है। रूस ने अमेरिका और नाटो को भी चेतावनी दी है कि यदि वे अब यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति करते हैं और इससे रूस के शांतिपूर्ण शहरों पर यूक्रेन हमला करता है तो मदद करने वाले देशों को रूस कतई नहीं बख्शेगा। रूस अधिक शक्तिशाली हथियारों से इसका जवाब देगा। फिलहाल जर्मनी यूक्रेन को हथियारों के मुख्य दाताओं में से एक है। आलोचनाओं और दबावों के बीच उसने फिर से यूक्रेन को तेंदुआ 2 टैंक देने को लेकर शेयरों की समीक्षा को हरी झंडी दी है। मगर वह हिचकिचाहट और सावधानी से आगे बढ़ रहा है। इस बीच फ्रांस और जर्मनी ने रविवार को द्वितीय विश्व युद्ध के बाद की मैत्री संधि की 60वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में समारोहों और वार्ता के दौरान यूक्रेन को “अटल समर्थन” दिखाने के लिए प्रतिबद्धता दिखाई। एक संयुक्त घोषणा में दोनों देशों ने कहा कि वे “जब तक आवश्यक होगा तब तक यूक्रेन के साथ खड़े रहेंगे”।

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