07 August, 2024 (Wednesday)

‘मांकडिंग’ पर विवाद क्यों? अश्विन के बाद एक और भारतीय दिग्गज का बयान, मार्क वॉ को दिया मुंहतोड़ जवाब

इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) द्वारा नॉन स्ट्राइकिंग एंड पर गेंदबाज द्वारा किए जाने वाले रन आउट यानी मांकडिंग को ऑफिशियल रन आउट घोषित करने के बाद भी विवाद जारी है। हाल ही में श्रीलंका सीरीज के दौरान भारतीय कप्तान रोहित शर्मा को जीवनदान देने और अपील नहीं करने पर काफी विवाद हुआ था। हालांकि, गेंदबाज मोहम्मद शमी ने शनाका को रनआउट किया था पर कप्तान रोहित ने अपील ना करके उन्हें जीवनदान दे दिया। इस पर भारतीय स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने शमी का समर्थन किया था। वहीं अब मौजूदा अंडर-19 महिला वर्ल्ड कप में भी ऐसा देखने को मिला। जिसका वीडियो शेयर कर पूर्व ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर मार्क वॉ ने विवादास्पद कमेंट किया।

मार्क वॉ को उनके इस कमेंट के लिए भारत के पूर्व तेज गेंदबाज और गेंदबाजी कोच रहे वेंकटेश प्रसाद ने मुंहतोड़ जवाब दिया। मार्क वॉ ने कटाक्ष करते हुए कहा था कि, टीमें मांकडिंग का इस्तेमान जानबूझकर कर रही हैं। इसके ऊपर प्रसाद के जवाब ने वॉ की बोलती बंद कर दी। महिला अंडर-19 विश्व कप के दौरान गेंदबाजी छोर पर खड़ी रवांडा की बल्लेबाज को गेंद फेंकने से पहले काफी आगे निकलने पर पाकिस्तान की तेज गेंदबाज जैब-उन-निसा के रन आउट करने के वीडियो पर टिप्पणी करते हुए वॉ ने ट्वीट कर लिखा कि, सबसे बदतर चीज, ऐसा लगता है कि टीमें विकेट हासिल करने के लिए सोच-समझकर नियोजित तरीके से इसका इस्तेमाल कर रही हैं।

 

 

मार्क वॉ की बोलती हुई बंद

इस पर वेंकटेश प्रसाद ने जवाब देते हुए कहा कि, हां ठीक है, गेंदबाज का वैध तरीके से किसी खिलाड़ी को आउट करने की योजना बनाना सबसे बदतर चीज है। बल्लेबाज क्रीज पर नहीं रहकर अनुचित लाभ उठाना चाहता है, यह सबसे अच्छी बात है। इससे पहले रविचंद्रन अश्विन ने भी ऐसे ही मामले पर अपने साथी खिलाड़ी मोहम्मद शमी का समर्थन करते हुए बयान दिया था। उन्होंने यह भी कहा था कि, जब यह तरीका वैद्द है तो अंपायर से पूछना ही क्यों? साथ ही उन्होंने कप्तान रोहित के फैसले पर निराशा भी जताई थी।

 

 

अश्विन ने भी दिया था बयान

अश्विन ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा था कि, मैं हमेशा एक ही बात दोहराता रहूंगा। खेल की स्थिति कोई मायने नहीं रखती। यह आउट करने का वैध तरीका है। अगर गेंदबाज अपील करता है तो अंपायर उसे आउट दे देंगे और बात खत्म। उनका कहना साफ था कि, जब बाकी तरह के विकेट पर अंपायर तुरंत फैसला दे देते हैं और यह तरीका आईसीसी ने अप्रूव किया है तो पहले तो अपील करने की जरूरत नहीं। अगर अपील हो भी रही है तो अंपायर को सीधे इसे आउट दे देना चाहिए। गौरतलब है कि पिछले साल भारतीय महिला क्रिकेट दीप्ति शर्मा द्वारा इंग्लैंड की बल्लेबाज को इस तरह आउट करने पर भी खासा विवाद हुआ था। लेकिन अब सवाल यही उठता है कि, जब आईसीसी ने इसे ऑफिशियल रन आउट करार दिया है तो इस पर विवाद क्यों?

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