US Election 2020: राष्ट्रपति चुनाव में हार के बाद भी बाज नहीं आ रहे ट्रंप, विदेश नीति को दिया धार, अब क्या करेंगे बाइडन
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस सप्ताह अफगानिस्तान और इराक से अमेरिकी सैनिकों को वापस आने का औपचारिक आदेश जारी करेंगे। एक मीडिया रिपोर्ट के हवाले से कहा गया है कि पेंटागन ने अफगानिस्तान और इराक दोनों देशों के कमांडरों को नोटिस जारी किया है कि दोनों मध्य जनवरी तक सैनिकों की संख्या 2,500 तक कम करने की योजना पर अमल करें। खास बात यह है कि इस मीडिया रिपोर्ट के पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओ ब्रायन ने पिछले महीने कहा था कि वर्ष 2021 की शुरुआत में अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों की सख्या लगभग 2,500 हो जाएगी। मौजुदा समय में अफगानिस्तान में लगभग 4,500 अमेरिकी सैनिक और इराक में 3,000 सैनिक हैं। गौरतलब है कि ट्रंप प्रशासन द्वारा यह फैसला ऐसे वक्त लिया जा रहा है, जब वह राष्ट्रपति चुनाव हार चुके हैं। नए राष्ट्रपति जो बाइडन 20 जनवरी को कार्यभार ग्रहण करेंगे। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि इस पर डेमोक्रेटिक पार्टी की क्या प्रतिक्रिया आती है? अमेरिका के नए राष्ट्रपति का क्या स्टैंड होगा? खासकर तब जब ट्रंप ने अपनी पराजय स्वीकार नहीं किया है।
अमेरिकी सैनिकों की वापसी ट्रंप की विदेश नीति का सबसे अहम हिस्सा
बता दें कि अमेरिका के नए राष्ट्रपति जो बाइडन 20 जनवरी को अपना कार्यभार ग्रहण करेंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में उन्होंने रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप को पराजित किया। अभी नए राष्ट्रपति को पदभार ग्रहण करे में करीब दो महीने का वक्त शेष है। ऐसे में डोनाल्ड ट्रंप की योजना है कि वह विदेश नीति को और धार दे सकें। इस क्रम में राष्ट्रपति ट्रंप ने पिछले सोमवार को राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधी केंद्र के निदेशक क्रिस्टोफर मिलर को पूर्व पेंटागन के प्रमुख मार्क स्कॉट की जगह लेने के लिए रक्षा सचिव के रूप में नियुक्त किया था, जो कथित तौर पर अफगानिस्तान से समय से पहले वापसी पर जोर दे रहे थे। गौरतलब है कि ट्रंप के चार वर्ष के कार्यकाल में अमेरिकी सैनिकों की अफगानिस्तान और इरान से वापसी उनकी विदेश नीति का सबसे अहम हिस्सा रहा है। ट्रंप प्रशासन ने पूरे चार वर्ष तक इस योजना पर निरंतर काम किया। अब जब वह राष्ट्रपति चुनाव हार गए हैं, तब उन्होंने पद से हटने से पहले इन सैनिकों की वापसी का फैसला लिया है।
अफगानिस्तान में अब तक करीब 2400 सैनिकों की मौत
चुनाव में हार के बावजूद ट्रंप अपने वादे को पूरा करते हुए दिखाना चाहते हैं। ट्रंप ने यह वादा किया था कि वह उन देशों से सैनिकों की वापसी करेंगे, जहां हरदम युद्ध जैसे हालात रहते हैं। पेंटागन ने जुलाई के मध्य कहा था कि फरवरी के अंत में हस्ताक्षरित अमेरिका तालिबान समझौते की शर्तो को पूरा करते हुए वर्ष 2021 तक फगानिस्तान से अमेरिकी सैन्य बलों को पूरी तरह से वापस लेने का आह्वान किया गया था। राष्ट्रपति ट्रंप अफगानिस्तान से सैनिकों की पूर्ण वापसी चाहते हैं। अफगानिस्तान में अब तक करीब 2400 सैनिकों की मौत हो चुकी है। अमेरिका इतिहास में यह सबसे घातक है।