एसजीपीजीआई में निकलने वाली है बंपर भर्ती, यूपी सरकार ने दी मंजूरी
उत्तर प्रदेश सरकार ने संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एसजीपीजीआईएमएस) में 2969 पदों पर भर्तियों को मंजूरी दे दी है। इन रिक्तियों में से 2683 नियमित सरकारी पद हैं और केवल 286 पद आउटसोर्सिंग एजेंसियों के माध्यम से भरे जाएंगे। पीजीआई के एक अधिकारी ने कहा कि आवेदन की तारीख जल्द ही घोषित की जाएगी। बता दें कि ये प्रदेश का प्रमुख सुपर स्पेशियलिटी मेडिकल इंस्टिट्यूट हैं।
सोमवार को जारी हुआ आदेश
मेडिकल एजुकेशन डिपार्टमेंट के प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने पीजीआई के रिक्त पदों पर नियुक्तियों के संबंध में सोमवार को आदेश जारी किया। पीजीआई के निदेशक प्रोफेसर राधा कृष्ण धीमान ने कहा, “नियुक्तियों के बाद एसजीपीजीआईएमएस में कर्मचारियों की कमी काफी हद तक दूर हो जाएगी।”
इन पदों पर होनी है भर्ती
नर्सिंग, हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन, मेडिकल सोशल सर्विस, पब्लिक रिलेशन, मेडिकल रिकॉर्ड, सैनिटाईजेशन, फिजियोथेरेपी, ऑक्यूपेशनल थेरेपी और फार्मासिस्ट, डाइटिशियन, सेंट्रल वर्कशॉप (बायोमेड), ऑर्टिस्ट, वार्ड मास्टर, डार्करूम असिस्टेंट जैसे विभिन्न विभागों में भर्तियां होने की उम्मीद है। लैब टेक्नीशियन्स, एरिया ओटी / आईसीयू / इंटरवेंशनल टेक्नीशियन्स, डेंटल टेक्नीशियन, ऑफ्थेलोमोलॉजी टेक्नीशियन, न्यूरो ओटोलॉजी टेक्नीशियन, डायलिसिस टेक्नीशियन, न्यूक्लियर मेडिसिन टेक्नीशियन, रेडियोलॉजी टेक्नीशियन, रेडियोथेरेपी टेक्नीशियन, सेंट्रल स्टेराइल सप्लाई डिपार्टमेंट, कैडर एडमिनिस्ट्रेशन, फाइनेंस और अकाउंट्स, सेक्रेटरियल, सेंट्रल लाइब्रेरी , मैटेरियल मैनेजमेंट, इंजीनियरिंग, कंप्यूटर, सेंट्रल वर्कशाप और सिक्योरिटी आदि।
इनके अलावा आउटसोर्स पदों में एडमिन्स्ट्रेटिव असिस्टेंट, लाइब्रेरी असिस्टेंट, डाटा एंट्री अटेंडेंट, वर्कशॉप असिस्टेंटक और सिक्योरिटी गार्ड आदि शामिल हैं।
केजीएमयू व लोहिया संस्थान में भी होनी है भर्ती
अभी तक इन पदों पर भर्ती के लिए मंजूरी मिल चुकी है। इससे पहले सरकार ने एक जिला-एक मेडिकल कॉलेज के तहत 45 हजार पद सृजित किए थे। साथ ही केजीएमयू व लोहिया संस्थान में भी करीब 14 हजार पदों के सृजन को भी इसी माह मंजूरी दे दी गई है।
पीजीआई के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने कहा, “पीजीआई प्रशासन को कर्मचारियों की कमी के कारण होने वाली समस्याओं को समझने के लिए हमें सरकार की सराहना करनी चाहिए। पीजीआई कर्मचारियों की कमी के कारण कई क्षेत्रों में संघर्ष कर रहा था, लेकिन अब संस्थान को पर्याप्त मानव शक्ति मिल जाएगी।”