दशकों बाद चीन ऐसे प्रदर्शन की आग में झुलस रहा है, जिसकी आंच अब जिनपिंग सरकार को भी सताने लगी है। लोगों का गुस्सा इस कदर बढ़ चुका है कि अब वे सरकार से आरपार करने के मूड में हैं। ऐसे में चीनी सरकार की भलाई इसी में है कि वह अपनी जीरो-कोविड पॉलिसी को धीरे से वापस कर ले।
हालांकि, जिस पॉलिसी का शी जिनपिंग गुणगान करते रहे और उसे दुनिया के सामने सही ठहराते रहे, उससे वापसी खुद चीनी राष्ट्रपति के लिए आसान नहीं है। ऐसे में अब वे इस पॉलिसी से सावधानी से बाहर आने का रास्ता खोज रहे हैं।
बीजिंग में दी जाने लगी ढील
बीजिंग में कोरोना संक्रमण में कोई महत्वपूर्ण गिरावट नहीं आई है। इसके बावजूद लोगों को अब सार्वजनिक परिवहनों में पीसीआर टेस्ट से राहत दी गई है। रेस्तरां और बार भी धीरे-धीरे खोले जा रहे हैं। वहीं, कुछ मामलों में कोरोना संक्रमित व्यक्ति को घर में अलग रहने की अनुमति दी जा रही है। जबकि, पहले एक भी मामला आने पर पूरे इलाके को बंद कर दिया जाता था।
हर शहर में धीरे-धीरे दी जा रही छूट
सिर्फ बीजिंग ही नहीं चीन के कई बड़े-बड़े शहरों में कोरोना नियमों से छूट दी जा रही है। यहां के दक्षिण-पूर्वी झेजियांग प्रांत में कुछ विशिष्ट नौकरियों में काम करने वाले लोगों को छोड़कर अन्य लोगों का नियमित परीक्षण नहीं किया जा रहा है। इसी तरह शेडोंग प्रांत में खांसी की दवा खरीदने पर भी टेस्ट की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है। इसी तरह की ढील शंघाई, वुहान, चोंगकिंग, ग्वांगझू, शेनझेन और चेंगदू जैसे बड़े शहरों में भी दी जा रही है।पश्चिमी झिंजियांग के उरुमकी ने सुपरमार्केट, होटल, सिनेमा और जिम फिर से खोल दिए हैं। वहीं, तिब्बत में सार्वजनिक परिवहन फिर से शुरू कर दिया गया है।
क्या है सरकार की नई योजना
जानकारी के मुताबिक, लोगों के गुस्से के बाद चीनी सरकार जीरो कोविड पॉलिसी से कदम पीछे खींच रही है। नई योजना के तहत कोरोना संक्रमण के प्रसार को नियंत्रित किया जाएगा। इसके लिए स्वास्थ्य प्रणाली को इससे निपटने में सक्षम बनाया जाएगा, न कि लोगों पर जबरन प्रतिबंध थोपे जाएंगे।