‘सीकर बॉस’ के नाम से मशहूर राजू ठेहट के सामने आनंदपाल भी घुटने टेकता था, दोस्त ही बना जान का दुश्मन
गैंगस्टर आनंदपाल सिंह और राजू ठेहट के बीच करीब दो दशक तक वर्चस्व की लड़ाई चली थी। आनंदपाल के एनकाउंटर के बाद राजू ठेहट का शेखावटी में वर्चस्व हो गया। ‘सीकर बॉस’ के नाम से मशहूर ठेहट की हत्या के पीछे आनंदपाल और बिश्नोई गैंग का हाथ बताया जा रहा है पर ये रंजिश तब शुरू हुई, जब राजू ठेहट ने अपने ही दोस्त के साले की हत्या कर दी थी। उसके बाद दोस्त ही राजू की जान का प्यासा बन गया था।
अवैध शराब के कारोबार से क्राइम में एंट्री
राजू ठेहट और आनंदपाल के बीच की दुश्मनी के कारण शेखावटी की जमीन पर कई गैंगवार हुए। अपराध की दुनिया में राजू ठेहट ने 1995 के दौर में कदम रखा था। उस समय भाजपा की भैरोसिंह सरकार संकट में थी। राजस्थान में राष्ट्रपति शासन लागू था। सीकर का एसके कॉलेज शेखावाटी के राजनीति का केंद्र था। इसी कॉलेज के एबीवीपी के कार्यकर्ता गोपाल फोगावट शराब के धंधे से जुड़ा हुआ था। उसी के संरक्षण में राजू ठेहट भी शराब का अवैध कारोबार करने लगा।