25 November, 2024 (Monday)

हाल-ए BRD मेडिकल कॉलेज : चिल्लाती रही महिला मरीज, डॉक्टर ने बिना बेहोश किए कर दिया ऑपरेशन

Portrait an unknown male doctor holding a stethoscope behind

रोगी यदि किसी पर ज्यादा भरोसा करता है तो वह है डॉक्टर। लेकिन बीआरडी मेडिकल कालेज के सुपर स्पेशियलिटी ब्लाक में रोगी को डॉक्टर पर भरोसा करना महंगा पड़ गया। डॉक्टर ने उसे बिना बेहोश किए ही आपरेशन कर दिया। पीड़ित महिला चिल्लाती रही। बदहवास हो गई। डाक्टर ने एक न सुनी। जब महिला की सांस बहुत तेज हो गई और हृदय की धड़कन काफी बढ़ गई, तब डाक्टर ने उसे इंजेक्शन के जरिये दवा दी। महिला ने हाथ-पैर बांधकर आपरेशन करने का आरोप लगाया है।

महिला की पेशाब की नली में थी पथरी

माया बाजार की नीलम गुप्ता को पेशाब की नली में 8.6 एमएम की पथरी थी। उन्होंने मेडिकल कालेज के यूरोलाजिस्ट डॉ. पवन कुमार एसके से संपर्क किया। नीलम के अनुसार डाक्टर ने बताया कि मेडिकल कालेज में दूरबीन नहीं है, इसे बाहर से मंगाना पड़ेगा, जिसका किराया आठ हजार रुपये है। वह देने को राजी हो गईं। 21 नवंबर को डाक्टर ने उन्हें बेहोश कर उनका आपरेशन किया। इसके बाद भी उनका दर्द बढ़ता गया। दवा के बाद भी जब आराम नहीं मिला तो उन्होंने पुन: अल्ट्रासाउंड कराया। उसमें 8.1 एमएम की पथरी नजर आई।

निजी अस्पताल में चल रहा इलाज

डाक्टर ने उन्हें मेडिकल कालेज बुलाया और आरेशन थियेटर में ले गए। वहां बेड पर उनका हाथ-पैर बांधने लगे। महिला की आपत्ति पर उन्होंने कहा कि यह जांच की प्रक्रिया है। इसमें हाथ-पैर बांधना जरूरी है। इसके बाद बिना बेहोश किए पेशाब की नली में दूरबीन डालकर पथरी तोड़ने लगे। बाहर आकर महिला ने पति से इसकी शिकायत की। उन्होंने इसे नजरअंदाज कर दिया और घर चले आए। इसके बाद भी दर्द कम नहीं हुआ और पेशाब रुक गया। पुन: अल्ट्रासाउंड कराने पर पता चला कि पथरी तो नहीं है लेकिन पेशाब की नली के पास घाव हो गया है और वहां मवाद बन रहा है। दोबारा महिला मेडिकल कालेज जाने को राजी नहीं हुई। उसका उपचार निजी अस्पताल में चल रहा है।

क्या कहते हैं डॉक्टर

आपरेशन करने वाले डा. पवन कुमार एसके ने हाथ-पैर बांधने से इनकार किया है। लेकिन उन्होंने आपरेशन से पूर्व बेहोश न करने की बात स्वीकार की है। उनका कहना है कि वह पथरी नहीं थी, पूर्व में जो पथरी तोड़ी गई थी उसका चूरन बुरादा पेशाब की नली में नीचे आकर इकट्ठा हो गया था। उसे तत्काल हटाना बहुत जरूरी था क्योंकि उसी की वजह से दर्द हो रहा था। आपरेशन थियेटर मुझे माह में केवल दो दिन मिलता है। एनेस्थेटिस्ट बुलाने के लिए तीन दिन पहले भर्ती करना पड़ता। ऐसे में विलंब होता। चूरन हटाने में ज्यादा दर्द नहीं होता है। ऐसा कई महिलाओं के साथ किया गया है। लेकिन किसी ने शिकायत नहीं की है। पथरी तोड़ने के लिए जब पहली बार आपरेशन हुआ था, उस समय बेहोश किया गया था।

आचार्य बोले

बीआरडी मेडिकल कालेज प्राचार्य डॉ. गणेश कुमार ने बताया कि यह मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। किसी ने ऐसी शिकायत नहीं की है। कालेज में बाहर से मशीन मंगाने की कोई व्यवस्था नहीं है और बिना बेहोश किए आपरेशन भी नहीं होना चाहिए। इस मामले में लिखित शिकायत मिलेगी तो संबंधित डाक्टर के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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