आतंकी कृत्यों में शामिल सलीम खान की जमानत के खिलाफ याचिका, SC की 4 हफ्तों में जवाब की मांगा
आतंकी गतिविधियों में शामिल सलीम खान को कर्नाटक हाइकोर्ट से मिली जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है. इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने अब सलीम खान को नोटिस जारी किया है और 4 हफ्ते के भीतर जवाब मांगा है. यह नोटिस सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने जारी किया है. सलीम खान पर गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था. ऐसा कहा गया था कि वह आतंकी गतिविधियों में शामिल है.
कर्नाटक हाइकोर्ट ने इसी साल अप्रैल में सुनवाई के दौरान सलीम खान को जमानत दे दी थी और कहा था कि जिहादी बैठकों में हिस्सा लेना, इसकी ट्रेनिंग से जुड़ी चीजें खरीदना या सह-सदस्यों के रहने के लिए आवास का प्रबंध करना आतंकी कृत्य के सामान नहीं है. सलीम खान पर साल 2020 में UAPA के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था. खान ‘अल-हिन्द’ नाम के एक आतंकवादी संगठन का सदस्य है. उसपर कई आतंकी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है. इस मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक अपील दायर की है.
सलीम ने दाखिल की थी जमानत याचिका
कर्नाटक हाईकोर्ट में सलीम खान ने जमानत याचिका दाखिल की थी. उसकी याचिका पर जस्टिस बी वीरप्पा और जस्टिस एस रचाइच की हाईकोर्ट की बेंच ने अप्रैल में सुनवाई की थी. खान को जमानत देते हुए हाईकोर्ट ने कहा था कि UAPA की अनुसूची के तहत, ऐसा कोई भी संगठन, जिसपर सरकार ने किसी तरह का कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है, उसकी जिहादी बैठकों में हिस्सा लेना आतंकवादी कृत्य नहीं है. अदालत ने यह भी कहा था कि इसकी ट्रेनिंग से जुड़ा सामान खरीदना या सह-सदस्यों के रहने के लिए आवास का प्रबंध करना भी आतंकी कृत्य के दायरे में नहीं आता.
हाईकोर्ट ने दिया था जमानत का आदेश
हाईकोर्ट ने खान को 2 लाख रुपये के बॉन्ड और समान रकम के दो मुचलकों पर जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था. कर्नाटक हाईकोर्ट ने इसी सुनवाई के दौरान एक अन्य शख्स मोहम्मद जैद को जमानत देने से इनकार कर दिया था और कहा था कि चूंकि उसके तार आईएसआईएस से जुड़े थे, इसलिए उसकी अपराध में सक्रिया भागीदारी रही है.