एमएसपी व अन्य मुद्दों पर सुझावों के लिए समिति गठित
नयी दिल्ली : कृषि क्षेत्र में सुधार के तीन कानूनों को वापस लेने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के ठीक आठ महीने बाद सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को अधिक प्रभावी तथा पारदर्शी बनाने, जीरो बजट आधारित खेती को बढ़ावा देने तथा देश की बदलती आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर फसल चक्र में सुधार जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर सुझाव देने के लिए पूर्व कृषि सचिव संजय अग्रवाल की अध्यक्षता में एक वृहद समिति का गठन किया है। भारत के राजपत्र में सोमवार को जारी अधिसूचना के अनुसार समिति में केंद्र सरकार एवं राज्य सरकारों के प्रतिनिधि, किसान, कृषि वैज्ञानिक और कृषि अर्थशास्त्री शामिल किए गए हैं।
इस समिति में तीन कृषि कानूनों का विरोध का नेतृत्व करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा के तीन सदस्यों को शामिल करने का प्रावधान किया गया है जिनके नाम अभी प्राप्त नहीं हुए हैं। समिति में सदस्य नीति आयोग (कृषि) रमेश चंद, दो कृषि अर्थशास्त्री, भारतीय आर्थिक विकास संस्थान के डॉ सी.एस.सी. शेखर और आईआईएम अहदाबाद के डॉ सुखपाल सिंह शामिल हैं। इसमें राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार विजेता किसान भारत भूषण त्यागी और किसानों के प्रतिनिधि के रूप में अन्य किसान संगठनों के सदस्यों के रूप में गुणवंत पाटिल, कृष्णवीर चौधरी, प्रमोद कुमार चौधरी, गुणी प्रकाश और सैय्यद पाशा पटेल रखे गए हैं। समिति में किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के रूप में संयुक्त किसान मोर्चा से तीन सदस्यों को नामित किया जाएगा उनके नाम मोर्च से नाम मिलने पर जोड़े जाएंगे।