ओबीसी और भाजपा नेताओं ने शिवराज सिंह चौहान का सम्मान किया
मध्यप्रदेश के स्थानीय निकाय चुनावों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को आरक्षण मुहैया कराने के उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद शानदार जश्न मनाने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने आज यहां मुख्यमंत्री निवास में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का सम्मान किया।
मुख्यमंत्री निवास परिसर में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह, अन्य मंत्री, अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के अध्यक्ष गौरीशंकर बिसेन और ओबीसी के विभिन्न संगठनों के विभिन्न पदाधिकारी पहुंचे और श्री चौहान का स्वागत सम्मान किया। इन नेताओं ने एकसुर में कहा कि राज्य में हाल ही में उच्चतम न्यायालय ने बगैर ओबीसी आरक्षण के स्थानीय निकाय चुनाव कराने के आदेश दिए थे, लेकिन मुख्यमंत्री श्री चौहान की पहल पर ओबीसी संबंधी तथ्यों को बेहतर तरीके से अदालत के समक्ष रखकर फिर याचिका दायर की गयी और उच्चतम न्यायालय ने इसके बाद ओबीसी आरक्षण के साथ चुनाव कराने का आदेश दिया।
भाजपा नेताओं ने कहा कि स्वयं ओबीसी वर्ग से आने वाले श्री चौहान ने अपने संकल्प के अनुरूप कार्य किया और इसके चलते आज राज्य में ओबीसी वर्ग को निकाय चुनाव में आरक्षण का लाभ मिल रहा है। इसलिए वे सब मिलकर श्री चौहान का सम्मान कर रहे हैं।
इसके पहले प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से ओबीसी वर्ग के अनेक नेता और कार्यकर्ता यहां पहुंचे और मुख्यमंत्री निवास के समक्ष आतिशबाजी भी की।
इस अवसर पर श्री चौहान ने अपने संबोधन में कहा कि वे उनके स्वागत के लिए सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं के प्रति आभार व्यक्त करते हैं। श्री चौहान ने ओबीसी आरक्षण के संबंध में कांग्रेस की भूमिका पर फिर से सवाल उठाया और कहा कि भाजपा सरकार तो 27 प्रतिशत आरक्षण के साथ निकाय चुनाव करवा रही थी, लेकिन कांग्रेस ने इस मामले को अदालत में चुनौती दी और इस वजह से अदालत ने ओबीसी आरक्षण के बगैर चुनाव कराने के आदेश दिए थे।
श्री चौहान ने जानना चाहा कि जब महाराष्ट्र में कांग्रेस में सरकार है, उसके बाद वहां पर ओबीसी आरक्षण के बगैर पंचायत के चुनाव हुए हैं। उन्होंने कहा कि इस सवाल का जवाब वे कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के अलावा श्री राहुल गांधी और अन्य सब वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं से चाहते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस हमेशा से ही ओबीसी विरोधी रही है।
श्री चौहान ने अनेक आकड़ों के साथ अपने आरोपों को दोहराया और कहा कि ओबीसी आरक्षण को अदालत में चुनौती देने वाले और उनकी पैरवी करने वाले कांग्रेस से जुड़े हुए थे। उन्होंने कहा कि इसी तरह से तत्कालीन कमलनाथ सरकार ने ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए कहा और कुछ ही दिनों में इस पर स्टे लग गया। इसके बाद तत्कालीन सरकार ने इस मुद्दे पर ढंग से पैरवी नहीं की। दरअसल वे (कांग्रेसी) मन ही मन प्रसन्न थे कि ओबीसी वर्ग को आरक्षण नहीं मिल रहा है।
श्री चौहान ने कहा कि इन सब नाटक के बाद आज कांग्रेस ‘मध्यप्रदेश बंद’ की बात कर रही है। यह भी जनता को मूर्ख बनाने का प्रयास है। उन्होंने केंद्र सरकार और राज्य सरकार की ओर से ओबीसी वर्ग के हित में उठाए गए कदमों का भी जिक्र किया और कहा कि वास्तव में ओबीसी का हित भाजपा ही करती आयी है। कांग्रेस के नेता इस मुद्दे पर सिर्फ राजनीति करते हैं।
दूसरी ओर ग्वालियर अंचल में सक्रिय कुछ ओबीसी संगठनों ने आज मध्यप्रदेश बंद का आह्वान किया था, जिसका कांग्रेस ने समर्थन किया था, लेकिन इसका कोई असर दिखायी नहीं दिया।