योग देश की महानतम धरोहर: राजनाथ सिंह
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने योग को देश की महानतम धरोहर करार देते हुए कहा है कि इससे जीवन में नई ऊर्जा का संचार होता है।
श्री सिंह अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून से पहले रक्षा मंत्रालय द्वारा गुरुवार को यहां आयोजित योगाभ्यास कार्यक्रम में शामिल हुए और विभिन्न आसन किये। उनके साथ रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट, वित्तीय सलाहकार (रक्षा सेवायें) संजय मित्तल, रक्षा सम्पदा के महानिदेशक अजय कुमार शर्मा, रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों और आम जनों ने भी योगाभ्यास किया।
रक्षा मंत्री ने इस मौके पर कहा कि युगों-युगों से चला आ रहा योग भारत की महानतम धरोहर है, जो लोगों के जीवन में नई ऊर्जा का संचार करता है तथा उन्हें स्वयं और प्रकृति से एकाकार करता है। उन्होंने कहा,“ योग मन को अनुशासित करता है और उसे स्वस्थ बनाता है। वह कर्तव्यों के पालन में दक्षता लाता है। योग केवल किसी खास समय पर किया जाने वाला व्यायाम नहीं है, बल्कि उसके पीछे यह तर्क भी है कि इससे दक्षता और सजगता के साथ दैनिक कार्यों को पूरा करने की शक्ति एवं प्रेरणा मिलती है। योग हमारे विचारों, ज्ञान, दक्षता और समर्पण को मजबूत बनाता है।”
श्री सिंह ने योग को परिभाषित करते हुये कहा कि यह मधुमेह, उच्च रक्तचाप और अवसाद सहित विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के निदान करने का मार्ग है, क्योंकि योग आंतरिक संघर्ष और तनाव से छुटकारा दिलाता है। उन्होंने कोविड-19 महामारी का सामना करने में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिये योगासनों और प्राणायाम के अमूल्य योगदान पर भी प्रकाश डाला।
रक्षा मंत्री ने सितंबर 2014 में संयुक्त राष्ट्र आमसभा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस वक्तव्य का उल्लेख किया, जब उन्होंने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने के लिये अंतरराष्ट्रीय समुदाय का आह्वान किया था। उन्होंने कहा था कि योग बिना किसी लागत के अच्छे स्वास्थ्य की जमानत है। रक्षा मंत्री ने इस बात की प्रशंसा की कि संयुक्त राष्ट्र आमसभा ने स्वास्थ्य और आरोग्य की आमूल परिकल्पना के तौर पर योग को मान्यता दी।
श्री सिंह ने कहा कि जब से संयुक्त राष्ट्र आमसभा ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने के प्रस्ताव को सर्वसम्मति से स्वीकार किया है, तब से ही सशस्त्र बल, भारतीय तट रक्षक, रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रम और रक्षा मंत्रालय के सभी विभाग पूरे उत्साह के साथ इन समारोहों में हिस्सा लेते रहे हैं। इसके लिये उन्होंने सभी बलों तथा विभागों की प्रशंसा की। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे अपने सुखद और संतुलित जीवन की अभिलाषा पूरी करने के लिये योगाभ्यास करें।