विनय मोहन क्वात्रा ने संभाला विदेश सचिव का कार्यभार
नेपाल में भारत के पूर्व राजदूत विनय मोहन क्वात्रा ने रविवार को भारत के 34वें विदेश सचिव के रूप में पदभार ग्रहण किया। उनका कार्यकाल दो वर्ष के लिए होगा।
श्री क्वात्रा भारतीय विदेश सेवा के 1988 बैच के अधिकारी हैं।उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो मई से चार मई तक जर्मनी, डेनमार्क और फ्रांस की यात्रा से पहले कार्यभार संभाला है। श्री मोदी की यह 2022 की पहली विदेश यात्रा होगी।
श्री क्वात्रा ने ऐसे समय में विदेश सचिव का पदभार ग्रहण किया है, जब भारत को रूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण वैश्विक राजनीति में सावधानी पूर्वक कदम उठाना पड़ रहा है। जबकि पश्चिम यह चाहता है कि भारत भी रूस पर प्रतिबंध लगाए।
भारत और नेपाल के बीच लिंपियाधुरा, लिपुलेख और कालापानी क्षेत्र पर सीमा रेखा के कारण संबंधों में आई गिरावट को ठीक करने के लिए श्री क्वात्रा ने नयी दिल्ली और काठमांडू के बीच बड़ी भूमिका निभाई है।
श्री क्वात्रा को अपने कार्यक्षेत्र में करीब 32 वर्षों का अनुभव है। उन्होंने वर्ष 1988 में भारतीय विदेश सेवा में शामिल होने के बाद वर्ष 1993 तक जिनेवा में भारत के स्थायी मिशन में तीसरे तथा दूसरे सचिव के रूप में कार्य किया है, जहां वह संयुक्त राष्ट्र की विशेष एजेंसियों और मानवाधिकार आयोग से संबंधित काम संभाल चुके हैं।
उन्होंने वर्ष 1993 से 2003 के बीच संयुक्त राष्ट्र के साथ काम करने वाले मुख्यालय में डेस्क अधिकारी के रूप में कार्य किया। वह दक्षिण अफ्रीका और उज्बेकिस्तान में राजनयिक मिशनों में काम कर चुके हैं।
वरिष्ठ राजनायिक ने वर्ष 2003 से 2006 के बीच बीजिंग में काउंसलर तथा भारतीय दूतावास में मिशन के उप प्रमुख के रूप में कार्य किया।
उन्होंने मई 2010 से जुलाई 2013 के बीच भारतीय दूतावास वाशिंगटन में वाणिज्य मंत्री के रूप में कार्य किया।
श्री क्वत्रा अक्टूबर 2015 से अगस्त 2017 तक देश के प्रधानमंत्री के कार्यालय में संयुक्त सचिव के रूप में सेवा कर चुके हैं। वह नेपाल में भारतीय राजदूत बनने से पहले अगस्त 2017 से फरवरी 2020 तक फ्रांस में राजदूत थे।