स्वास्थ्य सुविधाएं लोगों के घर के पास पहुंचाने का प्रयास कर रही है सरकार:पीएम नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि उनकी सरकार बीमारियों की रोक-थाम से लेकर देश भर में चिकित्सा सुविधाओं के विस्तार सहित सात बातों पर ध्यान दे रही है। उन्होंने इसे स्वास्थ्य के सप्तऋषि बताया और कहा कि सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं के विस्तार पर अभूतपर्व तरीके से निवेश बढ़ा रही है।
श्री मोदी ने पूर्वोत्तर क्षेत्र के एक दिन की यात्रा पर यहां खनीकर स्टेडियम में एक कार्यक्रम में एक साथ सात कैंसर चिकित्सा केंद्रों काे डिजिटल माध्यम से राष्ट्र को समर्पित किया और सात ही नये कैंसर चिकित्सा केंद्रों की आधारशिला रखी। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर आयोजित जन-सभा को संबोधित करते हुए कहा कि असम और पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों में कैंसर एक बहुत बड़ी समस्या रही है।
पूर्वोत्तर क्षेत्र में कैंसर की जांच और चिकित्सा की सुविधाओं की स्थापना से स्थानीय लोगों को होने वाले लाभ का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा,“ कैंसर के इलाज के लिए कुछ साल पहले तक पूर्वोत्तर क्षेत्र के मरीज़ों को बड़े-बड़े शहरों में जाना पड़ता था और इससे हमारे गरीब और मध्यम वर्ग के परिवार सबसे अधिक प्रभावित होते हैं। ”
प्रधानमंत्री ने स्वास्थ्य क्षेत्र में सरकार की सप्तऋषि पहल का उल्लेख करते हुए कहा कि इसमें कहा कि इसमें पहली कोशिश यह है कि लोगों में बीमारी से जूझने की नौबत ही नहीं आए और इसके लिए इसलिए निवारक स्वास्थ्य सेवा पर हमारी सरकार ने बहुत जोर दिया है। योग और फिटनेस से जुड़े कार्यक्रम इसलिए ही चलाये जा रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि दूसरा जोर है कि अगर बीमारी हो गई तो शुरुआत में ही पता चल जाए। इसके लिए देश भर में लाखों नए जांच केंद्र बनाए जा रहे हैं। तीसरे प्राथमिक उपचार की बेहतर सुविधा लोगों को घर के पास ही सुलभ कराने पर जोर है।
श्री मोदी ने कहा कि सरकार का चौथा प्रयास है कि गरीब को अच्छे से अच्छे अस्पताल में मुफ्त इलाज मिले। इसके लिए आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं के तहत पांच लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज भारत सरकार की तरफ से दिया जा रहा
है। उन्होंने कहा, “हमारा पांचवा फोकस इस बात पर है कि अच्छे इलाज के लिए बड़े-बड़े शहरों पर निर्भरता कम से कम हो। इसके लिए हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर पर हमारी सरकार अभूतपूर्व निवेश कर रही है। ”
सरकार का छठा प्रयास डॉक्टरों की कमी को दूर किया जाए। इसके लिए नए-नए चिकित्सा महाविद्यालयों की स्थापना की जा रही है। उन्होंने कहा कि बीते सात साल में एमबीबीएस और स्नातकोत्तर चिकित्सा पाठ्यक्रमों के लिए 70 हजार से ज्यादा नई सीटें जुड़ी हैं और ‘हमारी सरकार ने पांच लाख से ज्यादा आयुष डॉक्टर को भी एलोपैथिक डॉक्टरों के बराबर माना है। ”
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार का सातवां फोकस स्वास्थ्य सेवाओं के डिजिटलीकरण का है जिसमें कोशिश यह है कि इलाज के लिए लंबी-लंबी लाइनों से मुक्ति हो, इलाज के नाम पर होने वाली दिक्कतों से मुक्ति मिले।
प्रधानमंत्री ने कहा कि एक दिल्ली एम्स को को छोड़ दें तो कहीं एमबीबीएस की पढ़ाई नहीं होती थी, कहीं ओपीडी नहीं लगती थी, कुछ अधूरे बने थे। हमने इन सभी को सुधारा और देश में 16 नये एम्स घोषित किए। इसमें से एक एम्स गुवाहाटी भी है।
श्री मोदी ने कहा,“ असम में कैंसर चिकित्सा को लेकर गरीब और मध्यवर्ग की इस परेशानी को दूर करने के लिए बीते 5-6 सालों से जो कदम यहां उठाए गए हैं, उसके लिए मैं (पूर्व मुख्यमंत्री और अब केंद्रीय मंत्री) सर्बानंद सोनोवाल, (मुख्यमंत्री) हेमंता (विश्व शर्मा )और टाटा उद्योग घराने की परमार्थ संस्था टाटा ट्रस्ट को बहुत साधुवाद देता हूं। ”
प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र और असम सरकार चाय बागानों में काम करने वाले लाखों परिवारों को बेहतर जीवन देने के लिए पूरी ईमानदारी से जुटी है। मुफ्त राशन से लेकर हर-घर जल योजना के तहत जो भी सुविधाएं हैं, असम सरकार उनको तेज़ी से चाय बागानों तक पहुंचा रही है।