24 November, 2024 (Sunday)

निर्वाचन आयोग ने मांगी पॉल के काफिले पर कथित हमले की रिपोर्ट

भारतीय निर्वाचन आयोग ने आसनसोल मतगणना केंद्र पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रत्याशी अग्निमित्रा पॉल के काफिले पर कथित पथराव की कार्रवाई रिपोर्ट शनिवार को तलब की।

सूत्रों के अनुसार 12 अप्रैल को मतगणना केंद्र पर आसनसोल लोकसभा सीट उपचुनाव की मतगणना हो रही थी जिसमें तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के उम्मीदवार शत्रुघ्न सिन्हा 2.3 लाख वोटों से आगे चल रहे थे। इस बीच भाजपा उम्मीदवार श्रीमती पॉल ने अपने समर्थकों और सुरक्षाकर्मियों पर हमला करने का आरोप लगाया ।

पुलिस ने हालांकि ,श्रीमती पॉल के काफिले को कुछ नुकसान होने से पहले स्थिति पर काबू पा लिया था।मतगणना के बीच आसनसोल केंद्र पर जय श्री राम और जय बंगला के नारे भी सुने गए जिसके बाद मतगनणा केन्द्र के आसपास तनाव व्याप्त हो गया।

श्रीमती पॉल ने कहा कि 2024 के आम चुनाव से पहले इस घटना की पूरी तरह जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा था कि वह बाराबोनी विधानसभा क्षेत्र के मतदान केंद्र संख्या 175 पर पीठासीन अधिकारी की कथित अनुपस्थिति के बारे में पूछताछ करने गई थीं। जिस दौरान उनके समर्थकों और सुरक्षाकर्मियों के साथ मारपीट की गयी।उनकी कार में तोड़फोड़ की गयी और उनके सुरक्षाकर्मियों को टीएमसी के गुंडों ने लाठियों से पीटा। टीएमसी ने हालांकि इन आरोपों को निराधार बताया था।

भाजपा उम्मीदवार ने आरोप लगाया था कि टीएमसी कार्यकर्ताओं ने उन पर पथराव भी किया, जिसमें उनकी कार क्षतिग्रस्त हो गई।उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी कितनी भी कोशिश कर लें, यहां भाजपा जीत रही है।सुश्री पॉल ने आरोप लगाया कि टीएमसी के लोगों ने उन पर हमला किया और स्थानीय पुलिस ने कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा कि बूथ संख्या 241 पर उनके पोलिंग एजेंट को वहां रहने की अनुमति नहीं मिली।टीएमसी ने भाजपा नेता के आरोपों का खंडन करते हुए कहा था कि भाजपा उम्मीदवार अपने साथ 20 कारों के काफिले और केंद्रीय बलों के साथ मतदान केंद्र में घुस गयीं और वहां लोगों से अपनी पार्टी (भाजपा) को वोट देने के लिए कहा, जिसके बाद मतदान केंद्र पर हंगामा हो गया।टीएमसी के एक नेता ने आरोप लगाया कि श्रीमती पॉल अपने सुरक्षाकर्मियों के साथ बूथ संख्या 42 में घूसीं।जानकारी के अनुसार, मीडियाकर्मियों के पास चुनाव आयोग द्वारा प्रदान पास होने के बावजूद उन्हें राज्य के पुलिस कर्मियों ने बाराबोनी में बूथ संख्या 175 में प्रवेश करने से रोका। जिसके बाद मीडियाकर्मियों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। वह इस मामले को चुनाव आयोग के पास ले गयीं तथा पीठासीन अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद करीब 20 मिनट बाद मीडियाकर्मियों को मतदान केंद्र पर जाने की अनुमति मिली।इसके बाद, श्रीमती पॉल ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश पर मीडियाकर्मियों को मतदान केंद्र पर जाने से रोका गया।

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