जामनगर,राजकोट,मोरबी के उद्योगों को देखें, तो यह ‘मिनी जापान’ जैसा महसूस होता है: मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि गुजरात में जामनगर के पीतल, राजकोट की इंजीनियरिंग और मोरबी के घड़ी उद्योग को देखें, तो यह ‘मिनी जापान’ जैसा महसूस होता है।
श्री मोदी ने हनुमान जयंती के पावन अवसर पर शनिवार को गुजरात के मोरबी में हनुमान जी की 108 फुट ऊंची प्रतिमा का वीडियो कांफ्रेन्स के माध्यम से अनावरण किया। इस मौके पर उन्होंने गुजराती में अपने संबोधन में श्री केशवानंद बापू और मोरबी के साथ अपने पुराने संबंधों को याद किया। इसके साथ ही मच्छू बांध दुर्घटना के संदर्भ में हनुमान धाम की भूमिका का भी स्मरण करते हुए उन्होंने कहा कि दुर्घटना के दौरान मिली सीख से कच्छ भूकंप के दौरान भी मदद मिली। मोरबी की सहजता का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यह आज उद्योगों का फलता-फूलता केंद्र है। अगर हम जामनगर के पीतल, राजकोट की इंजीनियरिंग और मोरबी के घड़ी उद्योग को देखें, तो यह ‘मिनी जापान’ जैसा महसूस होता है। इस अवसर पर महामंडलेश्वर मां कंकेश्वरी देवी जी भी उपस्थित रहीं।
प्रधानमंत्री ने हनुमान जयंती के अवसर पर श्रद्धालुओं को बधाई देते हुए कहा कि मोरबी में हनुमान जी की 108 फीट की प्रतिमा का अनावरण दुनिया भर में हनुमान जी के भक्तों के लिए एक प्रसन्नता का अवसर है। उन्होंने कई बार श्रद्धालुओं और आध्यात्मिक गुरुओं का सानिध्य मिलने पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने उनिया मां, माता अंबा जी और अन्नपूर्णा जी धाम से जुड़ने के अवसरों का उल्लेख करते हुए कहा कि देश के चारों कोनों में ऐसी चार प्रतिमाएं स्थापित करने की परियोजना ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के संकल्प का प्रतिबिंब है। उन्होंने बताया कि हनुमान जी अपनी सेवा भावना से सभी को प्रेरणा मिलती है। हनुमान जी उस शक्ति के प्रतीक हैं, जिसने वनवासी जनजातियों को गरिमा और अधिकार प्रदान किया। उन्होंने कहा, हनुमान जी एक भारत श्रेष्ठ भारत के प्रमुख सूत्र हैं।
उन्होंने कहा कि राम कथा, जो पूरे देश में विभिन्न क्षेत्रों और भाषाओं में आयोजित की जाती है, सभी को भगवान की भक्ति के एक रूप में बांधती है। यह हमारी आध्यात्मिक विरासत, संस्कृति और परंपरा की शक्ति है, जिसने गुलामी के कठिन दौर में भी अलग-अलग हिस्सों को एकजुट रखा। इसके माध्यम से स्वतंत्रता के लिए राष्ट्रीय प्रतिज्ञा के एकीकृत प्रयासों को मजबूत किया गया। हजारों वर्षों के उतार-चढ़ाव के बावजूद, हमारी सभ्यता और संस्कृति ने भारत को स्थिर रखने में बड़ी भूमिका निभाई है।
श्री मोदी ने कहा कि हमारा विश्वास और हमारी संस्कृति की धारा सद्भाव, समानता और समावेश की है। यह इस तथ्य में सबसे अच्छी तरह से परिलक्षित होता है कि भगवान राम ने पूरी तरह से सक्षम होने के बावजूद, अपने कार्यों को पूरा करने के लिए सभी की क्षमता का उपयोग किया। श्री मोदी ने संकल्प की पूर्ति के लिए सबका प्रयास की भावना का आह्वान करते हुए कहा कि राम कथा सबका साथ-सबका प्रयास का सबसे अच्छा उदाहरण है और हनुमान जी इसका एक महत्वपूर्ण अंग हैं। यात्रा धाम ने काठियावाड़ को पर्यटन का केंद्र बना दिया है। उन्होंने माधवपुर मेला और रण उत्सव का भी उल्लेख किया, जिससे मोरबी को अत्यधिक लाभ मिलता है। स्वच्छता अभियान और वोकल फॉर लोकल अभियान के लिए श्रद्धालुओं और संत समाज की सहायता लेने के अपने अनुरोध को दोहराते हुए अपने संबोधन का समापन किया।
उल्लेखनीय है कि आज जिस प्रतिमा का अनावरण किया गया, वह हनुमानजी चार धाम परियोजना के एक हिस्से के रूप में देशभर में चार दिशाओं में स्थापित की जा रही चार मूर्तियों में से दूसरी है। इसे पश्चिम में मोरबी में परम पूज्य बापू केशवानंद जी के आश्रम में स्थापित किया गया है। इस श्रृंखला की पहली प्रतिमा 2010 में उत्तर में शिमला में स्थापित की गई थी। दक्षिण में रामेश्वरम में प्रतिमा पर कार्य प्रारंभ किया जा चुका है।