क्या पाकिस्तान में सरकार गिराने के पीछे ड्रैगन का हाथ, इमरान खान का दावा- सबूत हैं मौजूद
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की कुर्सी जाना अब लगभग तय हो गया है। सहयोगी दल मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान(एमक्यूएम) के समर्थन वापस लेने के बाद इमरान की सरकार अल्पमत में आ गई है। इस बीच इमरान ने दावा किया है कि उनकी सरकार को गिराने के लिए विदेश से फंडिंग हो रही है और इसके सबूत भी मौजूद हैं। इमरान सरकार सबूत को सुप्रीम कोर्ट के सामने पेश करने के लिए भी तैयार है।
पाकिस्तान के केंद्रीय मंत्री असद उमर ने दावा किया कि प्रधानमंत्री इमरान खान एक पत्र पाकिस्तान चीफ जस्टिस को दिखाने के लिए तैयार हैं। ये पत्र इस दावे का पुख्ता सबूत है कि मौजूदा सरकार को गिराने के लिए विदेशी फंड का इस्तेमाल किया जा रहा है। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, इस्लामाबाद में सूचना मंत्री फवाद चौधरी के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उमर ने बताया कि वह पत्र उन्होंने खुद देखा है। ये खत मौजूदा स्थिति को काफी साफ कर देगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘इसमें कोई दो राय नहीं कि यह पाकिस्तान में न्याय का सर्वोच्च पद है। यह एक बहुत बड़ा पद है जिसका इस देश में सम्मान है। व्यक्तिगत रूप से भी मुख्य न्यायाधीश की बहुत अच्छी प्रतिष्ठा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यदि जरूरत हो और लोगों की संतुष्टि के लिए वह सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को पत्र पेश करने के लिए तैयार हैं।’
इमरान खान को इस समय अपनी कुर्सी बचाने के लिए कई मोर्चों पर संघर्ष करना पड़ रहा है। कई रिपोर्ट दावा करती हैं कि सेना अब इमरान खान को सत्ता पर बने नहीं रहने देना चाहती हैं। ये भी खबरें आईं कि इमरान खान पिछले कुछ समय से जनरल कमर जावेद बाजवा के खिलाफ ही साजिश रच रहे थे। इसलिए विपक्ष को सत्ता के खिलाफ सक्रिय किया गया है।
क्या इमरान का इशारा चीन की ओर
जानकारों का मानना है कि इमरान खान विदेशी फंडिंग का मुद्दा उठाकर चीन की ओर इशारा कर रहे हैं। हालांकि, इमरान या उनके किसी मंत्री ने इसका खुलासा नहीं किया है, लेकिन शी चिनफिंग के ड्रीम प्रोजेक्ट चाइना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर का काम ठप होना इसकी एक बड़ी वजह हो सकती है। इस प्रोजेक्ट को लेकर काफी चर्चाएं होती रही हैं।